BJP clean sweep Satara election:बिहार में 20 नवंबर को नीतीश कुमार की नई सरकार के शपथ ग्रहण से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के लिए महाराष्ट्र से एक और बड़ी अच्छी खबर आई है। सातारा जिले के मलकापुर नगर परिषद चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त बढ़त हासिल करते हुए पांच सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर ली है। चुनाव में किसी विपक्षी उम्मीदवार का नामांकन न होना राजनीतिक रूप से बड़ी उपलब्धि माना जाता है, क्योंकि यह सीधे-सीधे बताता है कि विपक्ष मैदान में उतरने से पहले ही पीछे हट गया।
महायुति में खींचतान, लेकिन सातारा में BJP का दबदबा कायम
रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन (बीजेपी–शिवसेना–राकांपा अजित पवार गुट) के बीच कई मुद्दों पर मतभेद चल रहे हैं। कई जगह सीटों को लेकर तकरार और कुछ शहरों में गठबंधन टूटने की नौबत आ चुकी है। लेकिन इन सारे राजनीतिक उलझनों के बीच सातारा में बीजेपी ने अपनी तैयारी और रणनीति से माहौल पूरी तरह अपने पक्ष में कर लिया। मलकापुर में बीजेपी के पांच उम्मीदवारों के खिलाफ कोई भी विपक्षी पार्टी मैदान में नहीं उतरी, जिसके चलते सभी सीटें सीधे निर्विरोध जीत में बदल गईं।
कौन-कौन बने निर्विरोध विजेता?
वार्ड 4 – सुनील खैरे
वार्ड 7 – हनमंतराव जाधव
वार्ड 7 – सुनीता पोल
वार्ड 9 – ज्योत्स्ना शिंदे
वार्ड 9 – दीपाली पवार
नामांकन की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि इन सीटों पर किसी भी विपक्षी दल ने उम्मीदवार खड़ा ही नहीं किया। इसने बीजेपी की पकड़ और संगठन की मजबूती का साफ संदेश दिया।
अतुल भोसले की रणनीति और ‘सातारा मॉडल’ की सफलता
सातारा भाजपा जिला अध्यक्ष और विधायक डॉ. अतुल भोसले को इस शानदार प्रदर्शन का मुख्य रणनीतिकार माना जा रहा है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने डोर-टू-डोर संपर्क, मजबूत बूथ मैनेजमेंट और स्थानीय मुद्दों पर काम कर अपनी स्थिति मजबूत की। दिलचस्प बात यह है कि जहां कराड में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं मलकापुर में बीजेपी ने अकेले ही बढ़त बना ली। इससे साफ हुआ कि सातारा का स्थानीय संगठन बेहद मजबूत और अनुशासित तरीके से काम कर रहा है।
NCP (अजित पवार गुट) को तगड़ा झटका
मलकापुर में एनसीपी (अजित पवार गुट) को उम्मीद थी कि वे अन्य दलों के साथ मिलकर मजबूत चुनौती देंगे। लेकिन बीजेपी की आक्रामक रणनीति ने उनकी सारी तैयारियों को बिगाड़ दिया। गठबंधन की कोशिशें सफल नहीं हुईं, और बीजेपी ने पांच सीटें बिना किसी मुकाबले के जीतकर मजबूत संदेश दे दिया कि वह स्थानीय चुनावों में भी विपक्ष को कड़ी चुनौती देने की क्षमता रखती है।
बिहार शपथ ग्रहण से पहले मिली राजनीतिक बढ़त
सातारा की इस जीत ने बीजेपी के उत्साह में और बढ़ोतरी कर दी है। यह भले ही नगर परिषद का चुनाव हो, लेकिन इसका राजनीतिक संदेश काफी बड़ा है। इससे साफ होता है कि बीजेपी जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ और मजबूत कर रही है।
आगामी चुनाव और भी दिलचस्प होने वाले हैं
महाराष्ट्र में आने वाले महीनों में कई नगर परिषद और निकाय चुनाव होने हैं। सातारा की यह निर्विरोध जीत बीजेपी के लिए मजबूत शुरुआत साबित हुई है। इससे कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा है और पार्टी ने दिखा दिया है कि वह हर स्तर पर मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है।



