“वर्दी का अपमान, राष्ट्र का अपमान”: ऑपरेशन सिंदूर पर बीजेपी विधायक का शर्मनाक बयान, उठे देशद्रोह के सवाल

बीजेपी विधायक रणबीर सिंह पठानिया ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते हुए कहा कि एयरफोर्स के जवान उस वक्त “सोए हुए थे”। यह बयान सेना के शौर्य का अपमान है और पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है।

BJP MLA

BJP MLA Insult IAF: जब भारत की वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद किया, तब पूरा देश सेना के पराक्रम पर गर्व कर रहा था। लेकिन अब उसी वीरता पर कीचड़ उछालने का घिनौना काम किया है बीजेपी विधायक रणबीर सिंह पठानिया ने। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ईस्ट से विधायक पठानिया ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयरफोर्स के जवान “सोए हुए थे”। यह बयान न केवल सेना के बलिदान का अपमान है, बल्कि पूरे देश की अस्मिता पर हमला है। क्या राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए अब राष्ट्र की रक्षा करने वालों को ही कटघरे में खड़ा किया जाएगा? क्या यह देशविरोधी मानसिकता नहीं, जिसमें आतंकवादियों से लड़ने वालों को नीचा दिखाया जा रहा है?

सेना का अपमान या राजनीति का पतन?

बुधवार को BJP MLA रणबीर सिंह पठानिया ने ऐसा बयान दे डाला जिसने हर देशभक्त नागरिक को झकझोर दिया। ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, उस पर सवाल खड़े करते हुए पठानिया ने कहा, “एयरफोर्स के जवान सोए हुए थे।” यह टिप्पणी सिर्फ अनुचित नहीं, बल्कि सरेआम भारतीय सशस्त्र बलों का अपमान है। यह वही वायुसेना है, जिसने 1999 में कारगिल में दुश्मनों को धूल चटाई, 2019 में बालाकोट में आतंक की रीढ़ तोड़ी और ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मनों के होश उड़ा दिए।

वोट बैंक की राजनीति में सेना को घसीटना कितना जायज़?

BJP MLA रणबीर सिंह पठानिया स्थानीय लोगों के समर्थन में खड़े थे जो एयरफोर्स स्टेशन के पास सड़क चौड़ीकरण को लेकर विरोध कर रहे हैं। पर स्थानीय मुद्दे पर बात करते हुए सेना की पेशेवर प्रतिबद्धता पर हमला करना, कौन-सी राजनीति है? उन्होंने कहा, “नालायकी इनकी है, लोग सोए होंगे।” क्या बीजेपी विधायक भूल गए कि ये वही जवान हैं जो देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देते हैं? क्या किसी भी सत्ताधारी पार्टी के नेता को इतना गिर जाना चाहिए कि वोट के लिए वर्दी की बेइज्जती करने लगे?

क्या यह बयान देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता?

जब कोई आम नागरिक सेना के खिलाफ बोले, तो वह कानून की नजर में राष्ट्रविरोधी माना जाता है। लेकिन जब एक विधायक, जो संविधान की शपथ लेकर सदन में बैठता है, ऐसा बयान देता है, तो क्या उसे भी उसी कठघरे में नहीं खड़ा किया जाना चाहिए? रणबीर सिंह पठानिया के इस बयान से न केवल वायुसेना, बल्कि तीनों सेनाओं के मनोबल पर चोट पहुंची है। यह एक तरह से उन आतंकियों का परोक्ष समर्थन है, जिनसे हमारे जवान जान की बाजी लगाकर लड़े थे।

माफी नहीं, कार्रवाई होनी चाहिए

देशभक्त भारतीयों की भावनाओं से खिलवाड़ और सेना के बलिदान पर संदेह करना सिर्फ निंदनीय नहीं, बल्कि अपराध है। रणबीर सिंह पठानिया जैसे नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे जिन जवानों को “सोया हुआ” बता रहे हैं, उन्हीं की वजह से वे सुरक्षित हैं और मंच से बोल पा रहे हैं। इस बयान पर सिर्फ माफी नहीं, कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी नेता राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश की रक्षा करने वालों को अपमानित करने की जुर्रत न करे।

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