नकली लाइसेंस से का चल रहा था बिजनेस, फर्जी ऐप के खुलासे से परिवहन विभाग को लगा झटका

उत्तर प्रदेश में फर्जी ऐप के जरिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए जा रहे हैं। परिवहन विभाग में जालसाजों ने 'परिवहन हेल्पर ऐप' नामक एक सॉफ़्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से लर्निंग डीएल समेत कई अन्य काम आसानी से किए जा रहे हैं।

UP Transport Department, Gujrat

UP Transport Department : यूपी परिवहन विभाग ऑफलाइन सेवाओं को तेजी से ऑनलाइन तो कर रहा है, लेकिन सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऑनलाइन सेवाओं के चलते कभी मृतक का ड्राइविंग लाइसेंस बन जाता है, तो कभी कोई व्यक्ति फर्जी पता अपडेट करके अपना डीएल प्राप्त कर लेता है। अब तो रेलवे की तरह ही, परिवहन विभाग में भी जालसाजों ने ‘परिवहन हेल्पर ऐप’ नामक सॉफ़्टवेयर तैयार कर लिया है, जिसकी मदद से लर्निंग डीएल समेत कई अन्य काम आसानी से किए जा रहे हैं।

इस मामले की जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारियों ने आईटी विंग और एनआईसी से शिकायत की है। मामला सामने आने के बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है।

परिवहन विभाग ने आम जनता की सुविधा के लिए लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आरटीओ कार्यालय आने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है, जिससे अब लोग घर बैठे ही लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत विभाग ने लर्निंग लाइसेंस समेत 37 सेवाओं को फेसलेस बना दिया है। हालांकि, जालसाजों ने ‘परिवहन हेल्पर’ नामक एक अनधिकृत ऐप तैयार कर लिया है, जिससे उन्होंने सिस्टम में सेंध लगानी शुरू कर दी है। इस ऐप के माध्यम से आधार और नंबर प्लेट बदलवाने के आवेदन भी किए जा रहे हैं, जबकि ये सभी कार्य केवल एनआईसी के सर्वर से ही किए जाते हैं।
Exit mobile version