CM Bhagwant Mann : पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर गहराता विवाद फिलहाल सुलझता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में करीब डेढ़ घंटे तक चली अहम बैठक के बावजूद दोनों राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाई। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का एक तीखा बयान सामने आया है, जिसने विवाद को और हवा दे दी है।
जालंधर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा, “पंजाब में पानी को लेकर हालात इतने गंभीर हैं कि कई बार जानलेवा झगड़े तक हो जाते हैं। खेतों में लोग दरांती और गंडासा लेकर पहुंच जाते हैं। ऐसे में कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि हम अपना पानी बिना इजाज़त दे देंगे? हम जब मना कर रहे हैं, सहमत नहीं हैं, तो आप हमसे गेट खोलने को कैसे कह सकते हैं?” मान ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या आप हमसे जबरदस्ती पानी लेने आए हैं? ये तरीका नहीं चलेगा।”
हरियाणा के सीएम ने क्या कहा ?
दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पंजाब अपने हिस्से से ज्यादा पानी इस्तेमाल कर रहा है, जबकि हरियाणा को उसकी तय मात्रा से 17% कम पानी मिल रहा है। उन्होंने भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि “उनकी सरकार सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रही है। हरियाणा के कई जिलों में पीने के पानी की समस्या गंभीर हो चुकी है।” सैनी ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री मान का रुख सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गलत उदाहरण बन रहा है।”
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बैठक में पंजाब ने अपनी पुरानी स्थिति दोहराते हुए केवल 4,000 क्यूसेक पानी देने की सहमति जताई, जबकि हरियाणा अपनी मांग पर कायम रहा और 8,500 क्यूसेक पानी की मांग करता रहा। इस चर्चा में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर ने सीएम मान की मंशा मंत्रालय के सामने रखी। दरअसल, विवाद की जड़ भाखड़ा डैम से निकलने वाले पानी की मात्रा है। बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) ने हाल ही में निर्णय लिया कि पंजाब हरियाणा को अतिरिक्त पानी प्रदान करे, लेकिन पंजाब सरकार ने साफ कहा कि उनके पास अतिरिक्त पानी देने की गुंजाइश नहीं है।
“मानवता के नाते पानी दिया, अब दबाव न बनाएं”: पंजाब सरकार
पंजाब सरकार का कहना है कि पहले उन्होंने मानवीय आधार पर सीमित मात्रा में पानी हरियाणा को दिया था, लेकिन अब अतिरिक्त पानी की मांग अनुचित है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को दी जा रही मात्रा पहले ही तय सीमा में है और किसी भी अतिरिक्त आवंटन के लिए पंजाब तैयार नहीं।
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हरियाणा सरकार का तर्क है कि वर्तमान में भाखड़ा डैम में जलस्तर अधिक है और यदि समय रहते पानी नहीं छोड़ा गया तो मानसून में यह पानी पाकिस्तान की ओर बह सकता है, जिससे राष्ट्रीय नुकसान संभव है। सीएम सैनी ने दो टूक कहा कि “पानी किसी एक राज्य की निजी संपत्ति नहीं है, यह एक साझा प्राकृतिक संसाधन है और इस पर सभी का बराबर हक है।”