नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए सीएम योगी ने बढ़ाया मदद का हाथ, इन नंबरों पर कॉल करने से मिलेगी तुरंत मदद

नेपाल में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। नेपाल से लगे जिलों में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है। यूपी पुलिस ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। साथ ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी संकट में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि समय पर मदद पहुंचाई जा सके।

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Nepal News : नेपाल में उत्पन्न आपात स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। नेपाल से सटी सीमाओं पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस विभाग ने न केवल हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, बल्कि एक विशेष व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया है, ताकि ज़रूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सके।

सरकारी प्रयासों के साथ-साथ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी मानवीय सहायता के लिए मोर्चा संभाल लिया है। संघ ने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए अलग-अलग संपर्क सूत्र जारी किए हैं। ये विशेष हेल्पलाइन नंबर अवध प्रांत के अंतर्गत आने वाले जिलों के लिए हैं, जिनके माध्यम से पीड़ित लोग सीधे संघ के पदाधिकारियों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

RSS की ओर से जारी किए गए संपर्क सूत्र इस प्रकार हैं:

  1. नीरज (विभाग संपर्क प्रमुख, सीतापुर विभाग – लखीमपुर) – 919453131365

  2. अतुल (विभाग प्रचार प्रमुख, बहराइच विभाग) – 9452536832,  8948519195

  3. नरेंद्र प्रताप (जिला व्यवस्था प्रमुख, श्रावस्ती) – 8009314250, 9369563504

  4. रामकृपाल (सीमा जागरण मंच, बलरामपुर) – 7054196767

RSS के पदाधिकारी नीरज ने बताया कि संघ द्वारा नेपाल में फंसे भारतीयों को न सिर्फ सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा, बल्कि उनके रहने, खाने और सुरक्षित घर वापसी तक की संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी। जरूरत पड़ने पर पीड़ित जितने दिन चाहें, वहां रह सकते हैं। इसके लिए स्वयंसेवक लगातार सक्रिय हैं और समाज से मिल रहे सहयोग के माध्यम से हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है।

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उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डीजीपी राजीव कृष्ण ने नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों में पुलिस को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। पहले से ही जारी की गई पुलिस हेल्पलाइन और व्हाट्सएप नंबरों के जरिये प्रशासन पीड़ितों की निगरानी और सहायता में जुटा है। यह समन्वित प्रयास दर्शाता है कि संकट की घड़ी में सरकार और स्वयंसेवी संगठन मिलकर लोगों की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार हैं।

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