भारत सरकार ने नागरिकों की पहचान को डिजिटल और सुरक्षित बनाने के लिए दो अहम पहचान पत्र जारी किए हैं – आधार और अपार। ये दोनों कार्ड नाम से भले ही मिलते-जुलते लगते हों, लेकिन इनका उद्देश्य और इस्तेमाल अलग-अलग है। आधार कार्ड सभी नागरिकों के लिए है, जबकि अपार कार्ड खासतौर पर छात्रों के लिए बनाया गया है। आइए, इनके बीच के अंतर को विस्तार से समझते हैं।
आधार और अपार क्या हैं?
आधार कार्ड
आधार भारत सरकार द्वारा जारी 12 अंकों का एक विशेष पहचान नंबर है, जिसे यूआईडीएआई (UIDAI) जारी करता है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल और बायोमेट्रिक पहचान देना है, ताकि वे सरकारी सेवाओं और सब्सिडी का लाभ उठा सकें। आधार कार्ड में फिंगरप्रिंट, आई स्कैन, नाम, पता और जन्म तिथि जैसी जरूरी जानकारी स्टोर की जाती है, जिससे व्यक्ति की पहचान पक्की होती है।
अपार कार्ड
अपार (Automated Permanent Academic Account Registry – APAAR) एक नया डिजिटल पहचान पत्र है, जिसे खासतौर पर छात्रों के लिए बनाया गया है। इसे शैक्षणिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC ID) के रूप में भी जाना जाता है। इसका मकसद छात्रों के अकादमिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखना और अलग-अलग संस्थानों में ट्रांसफर को आसान बनाना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है।
किसका इस्तेमाल कहां होता है?
आधार कार्ड का उपयोग
सरकारी योजनाओं और सब्सिडी लेने के लिए
बैंक खाता खोलने और लेन-देन करने के लिए
सिम कार्ड लेने और मोबाइल कनेक्शन के लिए
पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य सरकारी दस्तावेजों के लिए
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए
अपार कार्ड का उपयोग
छात्रों के नामांकन और सर्टिफिकेशन के लिए
शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित करने के लिए
अलग-अलग पाठ्यक्रमों के बीच क्रेडिट ट्रांसफर के लिए
छात्रों की शिक्षा को एकीकृत और आसान बनाने के लिए
आधार और अपार में क्या अंतर है?
अपार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा नहीं होता
जहां आधार कार्ड में फिंगरप्रिंट और आई स्कैन जैसी बायोमेट्रिक जानकारी होती है, वहीं अपार कार्ड में सिर्फ छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जाता है। इसमें किसी भी प्रकार का बायोमेट्रिक डेटा स्टोर नहीं किया जाता।
आधार कार्ड और अपार कार्ड कैसे बनवाएं?
आधार कार्ड के लिए – कोई भी भारतीय नागरिक यूआईडीएआई केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकता है। यह बैंकिंग, सरकारी सेवाओं और अन्य जरूरी कार्यों के लिए अनिवार्य होता है।
अपार कार्ड के लिए – यह केवल छात्रों के लिए उपलब्ध है और इसे शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से जनरेट किया जाता है। यह पूरी तरह वैकल्पिक है।