नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मंगलवार को तिब्बत में भूकंप से भारी तबाही हुई है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 थी। एक घंटे में तिब्बत में आए छह भूकंपों में 53 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। भूकंप के कारण भारत, नेपाल और भूटान के कई इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिनमें बिहार की राजधानी पटना और राज्य के उत्तरी हिस्से के कई इलाके शामिल हैं। भूकंप का असर पश्चिम बंगाल और असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किया गया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, पहला भूकंप 7.1 तीव्रता का था, जो सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास ज़िज़ांग में आया। इस तीव्रता को बहुत शक्तिशाली माना जाता है और यह बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से में 6.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया।
शिगतसे भूकंप का केंद्र रहा
तिब्बत और चीन के बीच शिगतसे भूकंप का केंद्र रहा। भूटान, बांग्लादेश में भी भूकंप से धरती कांपी। बता दें, चीन-किर्गिस्तान बॉर्डर पर 22 जनवरी 2024 की रात 11.39 बजे 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था। दक्षिणी शिनजियांग में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन से 22 किमी नीचे था। इस भूकंप में कई इमारतें ढह गई थीं और कई लोग घायल हैं। भूकंप के बाद 40 आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए थे। भूकंप का सबसे ज्यादा असर उरूम्की, कोरला, काशगर, यिनिंग में हुईआ था।
इस वजह से भूकम्प के झटके
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूगोल के जानकार बताते हैं कि अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा (दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जाकर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं।
चीन में 8 लाख 30 हजार लोगों की मौत
सबसे जानलेवा भूकंप चीन में 1556 में आया था, जिसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी। तीव्रता के लिहाज से अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी। इसकी वजह से आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भयानक तबाही मची थी। इसमें 1655 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 3000 लोग घायल हुए थे।