Eid-ul-Fitr 2025: भारत में ईद-उल-फितर का त्योहार कल, सोमवार, 31 मार्च 2025 को पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। लखनऊ में चांद के दीदार के बाद मरकजी चांद कमेटी ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि 30 मार्च की शाम चांद नजर आ गया, जिससे यह तय हो गया कि रमजान का पवित्र महीना समाप्त हो गया है और अब शव्वाल महीने की पहली तारीख पर ईद-उल-फितर मनाई जाएगी। लखनऊ ईदगाह में सुबह 10 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी। पूरे देश में इस त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में खरीदारी जोरों पर है, मस्जिदों और ईदगाहों को सजाया गया है, और लोग अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
रमजान के बाद खुशियों का त्योहार
Eid-ul-Fitr मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे रमजान के महीने के खत्म होने के बाद मनाया जाता है। रमजान के दौरान रोजे रखने के बाद यह दिन खुशी और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। इसे “मीठी ईद” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से सेवइयां और मिठाइयां बनाकर परिवार और दोस्तों के साथ साझा की जाती हैं। इस मौके पर मुस्लिम परिवार नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे से गले मिलकर बधाई देते हैं और गरीबों को दान देकर अपनी खुशियां साझा करते हैं।
बाजारों में उमड़ी भीड़, जमकर हुई खरीदारी
Eid-ul-Fitr के मौके पर बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में कपड़ों, जूतों और मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ नजर आई। दुकानदारों के अनुसार, इस बार पिछले साल की तुलना में व्यापार में काफी बढ़ोतरी देखी गई। खासतौर पर महिलाएं और बच्चे ईद के लिए नए परिधान और सजावट की चीजें खरीदने के लिए उत्साहित दिखे। बाजारों में पारंपरिक शेरवानी, कुर्ता-पायजामा, और लड़कियों के लिए खूबसूरत सलवार-सूट व अनारकली ड्रेस की खूब बिक्री हुई।
देश के अलग-अलग हिस्सों में ईद का जश्न
हालांकि, कुछ राज्यों में ईद की तारीख को लेकर मामूली अंतर देखा गया। केरल और जम्मू-कश्मीर जैसे कुछ हिस्सों में चांद पहले नजर आने के कारण वहां 30 मार्च को ही ईद मनाई जा रही है। वहीं, देश के अन्य हिस्सों में 31 मार्च को ईद का जश्न मनाया जाएगा। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, चांद का दिखना ही ईद की तारीख तय करता है। इस बार मौसम साफ होने के कारण चांद आसानी से नजर आ गया, जिससे Eid-ul-Fitr की तारीख को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं रहा।
भाईचारे और एकता का संदेश देती है ईद
Eid-ul-Fitr सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि भाईचारे, खुशी और एकता का संदेश देने वाला पर्व है। इस दिन लोग न सिर्फ अपने परिवार के साथ त्योहार मनाते हैं, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करके अपने ईमान को और मजबूत करते हैं। इस दिन गरीबों को “फित्रा” दिया जाता है, जो रमजान के महीने के दौरान किए गए उपवास की स्वीकृति के रूप में दिया जाने वाला दान होता है। ईद का यह पर्व सभी धर्मों और समुदायों को एक साथ आने और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटने का संदेश देता है।