Electricity Prices क्यूं बिजली की कीमतों में गिरावट की उम्मीद जागी,जीएसटी में बदलाव से आम लोगों को कैसे मिलेगी राहत

लंबे समय से बिजली की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। जीएसटी दरों में बदलाव से नवीकरणीय ऊर्जा और कोयले से बनने वाली बिजली सस्ती होगी और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

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Electricity Prices to Become Cheaper: काफी समय से बिजली की कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में बदलाव किया है, जिससे बिजली सस्ती होने की संभावना बढ़ गई है। नवीकरणीय ऊर्जा यानी सोलर, पवन जैसी बिजली और कोयले से बनने वाली बिजली पर जीएसटी कम कर दिया गया है। इससे आम उपभोक्ताओं को बढ़ते बिजली बिल से राहत मिल सकती है। यह फैसला उन लोगों के लिए खास है जो रोजमर्रा की जरूरतों में बिजली का उपयोग करते हैं और महंगे बिल से परेशान रहते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े उपकरण होंगे सस्ते

सरकार द्वारा किए गए बदलाव का असर नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े उपकरणों पर भी होगा। क्रिसिल इंटेलिजेंस के सीनियर प्रैक्टिस लीडर प्रणव मास्टर ने बताया कि पहले नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े उपकरणों पर 12% जीएसटी लगती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे परियोजनाओं की लागत कम होगी और बिजली उत्पादन में सहूलियत मिलेगी। इस बदलाव से प्रति यूनिट बिजली की दर में 11 से 14 पैसे तक की कमी हो सकती है। इससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ निवेशकों को भी फायदा मिलेगा।

कोयले से बनने वाली बिजली होगी सस्ती

भारत में लगभग 73% बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। पहले कोयले पर 5% जीएसटी लगती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। साथ ही, 400 रुपये प्रति टन का उपकर हटा दिया गया है। इन बदलावों का असर सीधे कोयले से बनने वाली बिजली की कीमत पर पड़ेगा। अनुमान है कि प्रति यूनिट में 10 पैसे से ज्यादा की कमी हो सकती है। इससे बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम्स का वित्तीय दबाव भी घटेगा।

आम लोगों के लिए लाभकारी कदम

इस बदलाव से यह साफ हो गया है कि सरकार बिजली की बढ़ती कीमतों से परेशान आम लोगों को राहत देने पर ध्यान दे रही है। नवीकरणीय ऊर्जा और कोयले से बनने वाली बिजली की दर कम होने से उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ मिलेगा। साथ ही, देश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा। यह बदलाव न सिर्फ वर्तमान समस्याओं का समाधान है, बल्कि भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आम उपभोक्ता अब अपने बिजली बिल में राहत महसूस कर सकेंगे और बिजली की उपलब्धता में भी सुधार होगा।

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