India new electronic toll system: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को लोकसभा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में लागू मौजूदा टोल वसूली प्रणाली अगले एक साल में पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। इसके स्थान पर एक आधुनिक और इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम लागू होगा, जिससे यात्रियों को हाईवे पर बिना रुके यात्रा करने का अनुभव मिलेगा।
गडकरी ने जानकारी दी कि नए सिस्टम का परीक्षण अभी 10 स्थानों पर चल रहा है। आने वाले एक साल के भीतर इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। उनका स्पष्ट कहना था कि भविष्य में टोल प्लाजा पर किसी भी वाहन को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कार्य करेगा।
देश में 4,500 हाईवे प्रोजेक्ट पर काम जारी
गडकरी ने सदन को बताया कि वर्तमान समय में देशभर में लगभग 4,500 हाईवे प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनकी कुल लागत करीब ₹10 लाख करोड़ है। उन्होंने बताया कि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम तैयार किया है। यह एक एकीकृत और तकनीकी रूप से उन्नत प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य देश में टोल वसूली की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना है। NETC की मुख्य तकनीक FASTag है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाने वाला एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) डिवाइस है, जो टोल प्लाजा पर बिना रुके जुड़े बैंक खाते से टोल शुल्क काट देता है।
टोल वसूली के नए तरीके भी आएंगे
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार टोल प्लाजा पर भीड़ कम करने और यात्रा अनुभव बेहतर बनाने के लिए नए तरीके लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि अब मल्टी-लेन फ्री फ्लो इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और FASTag आधारित तकनीक का संयोजन होगा, जिससे वाहन बिना रुके अपने आप टोल भुगतान कर सकेंगे।
इस सिस्टम की विशेषता यह होगी कि इसमें किसी भी तरह की बाधा या बैरियर नहीं होंगे। वाहन सीधे आगे बढ़ते रहेंगे और सिस्टम स्वतः नंबर प्लेट और FASTag को स्कैन कर शुल्क काट लेगा।
पायलट प्रोजेक्ट के बाद पूरे देश में लागू होगा सिस्टम
गडकरी ने बताया कि कुछ चुने हुए टोल प्लाजा पर FASTag और ANPR/AI आधारित बैरियर-फ्री सिस्टम का परीक्षण शुरू हो गया है। इन प्रोजेक्ट्स के परिणामों को देखने के बाद इसे दूसरे टोल प्लाजा पर भी धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। मंत्रालय का मानना है कि यह बदलाव देश के परिवहन ढांचे को और आधुनिक और सुविधाजनक बना देगा।
