Odisha News : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब राज्य सरकार के वरिष्ठ मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के आवास समेत सात विभिन्न स्थानों पर सतर्कता विभाग की टीमों ने एक साथ छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि सारंगी की घोषित संपत्ति और उनकी वास्तविक आय में भारी अंतर है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई थी।
सतर्कता विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, भुवनेश्वर, कटक, पुरी और बालासोर समेत सात ठिकानों पर छापे मारे गए। अब तक जो संपत्ति बरामद हुई है, वह है:
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₹2.1 करोड़ से अधिक नकदी
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महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आलीशान फर्नीचर
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कीमती आभूषण
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कई अचल संपत्तियों (जमीन और फ्लैट) के दस्तावेज
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अनेक बैंक खातों और लॉकरों की जानकारी
यह छापेमारी ऑपरेशन 7 टीमों द्वारा अंजाम दिया गया, जिसमें 50 से अधिक अधिकारी और 26 सदस्यीय पुलिस बल शामिल था। इस टीम में आठ डीएसपी, 12 इंस्पेक्टर, छह एएसआई तथा अन्य सहायक स्टाफ शामिल रहे।
कानूनी प्रक्रिया और आगामी कदम
फिलहाल सतर्कता विभाग नकदी और अन्य संपत्तियों के स्रोत की जांच कर रहा है। बैकुंठ नाथ सारंगी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने, भ्रष्टाचार, और सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। उन्हें अभी हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है और समन जारी किया गया है।
भ्रष्टाचार पर फिर उठे सवाल
यह मामला न केवल एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के भ्रष्ट आचरण की ओर इशारा करता है, बल्कि ओडिशा की नौकरशाही में फैले गहराते भ्रष्टाचार पर भी सवाल खड़े करता है। खासकर जब यह सामने आया कि एक अधिकारी अपने घर से लाखों की नकदी को खिड़की से बाहर फेंकने जैसा दुस्साहस कर सकता है।
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पूर्व में भी राज्य के लोक निर्माण, ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन यह मामला अपने नाटकीय घटनाक्रम के कारण अलग ही सुर्खियां बटोर रहा है। क्या यह केवल एक अधिकारी का मामला है या किसी बड़ी और संगठित भ्रष्ट नेटवर्क का हिस्सा—यह आने वाली जांच से स्पष्ट होगा।