PM Modi in Gujrat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में रेखांकित किया। इस मौके पर उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता को खत्म करना अब समय की मांग है। पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल सेना की ताकत का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसमें जनता की सहभागिता भी उतनी ही अहम है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में हमें अपनी अर्थव्यवस्था को तेज गति से आगे ले जाना है और इसके लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ को व्यवहार में लाना जरूरी है। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि चाहे विदेशी सामानों से कितना भी लाभ क्यों न हो, गांव-गांव में सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि अब वे किसी भी विदेशी उत्पाद की बिक्री नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री ने और क्या कहा ?
प्रधानमंत्री ने यह भी कटाक्ष किया कि आज हमारे त्योहारों पर इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं—चाहे वह गणेश जी की मूर्ति हो, होली के रंग हों या पिचकारियां—बड़ी संख्या में विदेशों से आ रही हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब तो छोटी आंखों वाले गणेश जी भी विदेश से आ रहे हैं, जिनकी आंखें तक ठीक से नहीं खुल रहीं। यह टिप्पणी चीन से आने वाले त्योहार संबंधी उत्पादों की ओर इशारा था, जो भारतीय बाजारों में बड़े पैमाने पर बिकते हैं। पीएम मोदी का यह संदेश स्पष्ट था—देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अब सिर्फ नीतियों से नहीं, बल्कि जन-सहभागिता और संकल्प से भी काम करना होगा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य अभियान नहीं…- PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य अभियान नहीं, बल्कि हर नागरिक की सामूहिक भागीदारी का आह्वान है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह अपने घर में यह देखे कि सुबह से रात तक कौन-कौन सी विदेशी चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आज हेयरपिन और टूथपिक जैसी छोटी-छोटी चीजें भी विदेशी बाजारों से हमारे घरों तक पहुंच गई हैं। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि अगर हमें देश को आगे ले जाना है, सुरक्षित रखना है और इसे समृद्ध बनाना है, तो यह लड़ाई सिर्फ फौजियों की नहीं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की भी है।
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उन्होंने ‘मेड इन इंडिया’ की भावना को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि लोगों को अब से नए विदेशी उत्पाद खरीदने से बचना चाहिए। पुराने विदेशी सामान को फेंकने की जरूरत नहीं है, लेकिन आगे से स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मुश्किल से 1-2% चीजें होंगी जिन्हें हमें मजबूरी में विदेशों से मंगवाना पड़े, लेकिन बाकी लगभग सब कुछ आज भारत में ही बन रहा है।
‘यह केवल प्रॉक्सी वॉर नहीं’
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह केवल प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि एक सीधा-सादा युद्ध है। उन्होंने याद दिलाया कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ, भारत की सशस्त्र सेनाओं ने तीनों बार पाकिस्तान को करारी मात दी है। पाकिस्तान इस बात को समझ चुका है कि खुला युद्ध लड़कर वह भारत से जीत नहीं सकता, इसलिए उसने आतंकवाद के जरिए छिपे हुए युद्ध यानी प्रॉक्सी वॉर की रणनीति अपनाई। आतंकियों को सैन्य प्रशिक्षण देकर उन्हें भारत के अंदर भेजा जाता है ताकि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जा सके। पाकिस्तान को जितना मौका मिला उसने हमला किया, लेकिन भारत हमेशा सहनशीलता दिखाता रहा।
‘भारत एक शांति प्रेमी देश है’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक शांति प्रेमी देश है, लेकिन बार-बार उसकी ताकत को चुनौती देने वालों को यह भी याद रखना चाहिए कि यह भूमि वीरों की भी है। उन्होंने 6 मई के बाद की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अब इसे केवल प्रॉक्सी वॉर कहना गलत होगा। जब आतंकियों के नौ ठिकानों को महज 22 मिनट में ध्वस्त कर दिया गया और इस बार पूरी कार्रवाई कैमरों के सामने हुई, ताकि किसी को भी हमारे खिलाफ कोई सवाल न उठाने का मौका मिले। अब तो हमें खुद सबूत देने की जरूरत नहीं पड़ रही, क्योंकि सामने वाला ही सबूत पेश कर रहा है।
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पीएम मोदी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में आतंकियों के जनाजे को सरकारी सम्मान के साथ मनाया गया, ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लहराए गए और वहां की सेना ने सलामी भी दी। ऐसे में अब इसे सिर्फ प्रॉक्सी वॉर कह कर टालना संभव नहीं है। यह साफ है कि आतंकवाद अब किसी छिपे हुए संघर्ष से बढ़कर एक सोची-समझी और संगठित युद्ध की रणनीति बन चुका है, जिसका जवाब भारत भी उसी स्तर पर देगा।