GIG workers pension scheme : केंद्र सरकार अब e कॉमर्स कंपनियों के साथ मिलकर गिग वर्करों के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। जल्द ही इन असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन का लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार उन्हें कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में शामिल करने की तैयारी कर रही है।
सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश करने वाली है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो पहले ही साल करीब 1 से 1.25 करोड़ गिग वर्करों को इसका फायदा मिलने लगेगा। इससे उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा और रिटायरमेंट के बाद उन्हें आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी।
गिग वर्करों की सैलरी से नहीं कटेगा पैसा
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि गिग वर्करों को अपनी सैलरी में से कोई कटौती नहीं करनी पड़ेगी। यानी उन्हें इस योजना का फायदा बिना किसी अतिरिक्त खर्च के मिलेगा।
सरकार ने 2020 में जो सामाजिक सुरक्षा संहिता बनाई थी, उसमें यह तय किया गया था कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े गिग वर्करों की सामाजिक सुरक्षा के लिए कंपनियों को एक से दो प्रतिशत तक योगदान देना होगा। अब यही नियम पेंशन योजना पर भी लागू होगा।
समिति ने की थी सिफारिश, अब सरकार करेगी लागू
गिग वर्करों को पेंशन योजना का लाभ देने की सिफारिश श्रम और रोजगार मंत्रालय की एक विशेष समिति ने की थी। इस समिति ने e कॉमर्स कंपनियों, गिग वर्करों और विशेषज्ञों से बात करने के बाद यह सुझाव दिया था।
अब सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत कई विकल्प दिए जाएंगे, जिससे गिग वर्कर अपनी जरूरत के हिसाब से पेंशन योजना का चुनाव कर सकें।
गिग वर्करों को कैसे मिलेगा फायदा
अगर कोई गिग वर्कर बाद में किसी सरकारी या संगठित क्षेत्र में नौकरी करने लगे, तो उसकी पेंशन की जमा राशि नए पीएफ खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।
गिग वर्करों को यह विकल्प मिलेगा कि वे 58 साल की बजाय 65 साल की उम्र से पेंशन लेना शुरू कर सकते हैं।
अगर किसी गिग वर्कर की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलेगा। नामांकन के जरिए पहले से ही लाभार्थी का चयन किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलेंगी
गिग वर्करों को पेंशन के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का भी फायदा मिलेगा। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने ऐलान किया है कि e श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 1 करोड़ गिग वर्करों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा भी दिया जाएगा।
इस साल श्रम और रोजगार मंत्रालय को 32,646 करोड़ रुपए का बजट मिला है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल की तुलना में 80% ज्यादा है। इससे असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा और भविष्य निधि जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
गिग वर्कर कौन होते हैं
गिग वर्कर वे लोग होते हैं, जो e कॉमर्स कंपनियों या ऐप बेस्ड सेवाओं से जुड़े होते हैं। जैसे,कैब ड्राइवर, फूड डिलीवरी बॉय, पैकेज डिलीवरी करने वाले कर्मचारी और फ्रीलांसर। ये कर्मचारी किसी कंपनी के स्थायी कर्मचारी नहीं होते, बल्कि कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करते हैं।
फिलहाल भारत में 1 करोड़ से ज्यादा गिग वर्कर हैं और 2029-30 तक इनकी संख्या बढ़कर 2.35 करोड़ होने की संभावना है। ऐसे में सरकार की यह योजना लाखों गिग वर्करों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी।
गिग वर्करों के लिए सरकार की यह योजना बहुत फायदेमंद साबित होगी। पेंशन और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं मिलने से उनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी। पहले इन वर्करों को किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती थी, लेकिन अब वे भी संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की तरह पेंशन का लाभ उठा सकेंगे।