Air India : 10 अगस्त को एयर इंडिया की एक फ्लाइट केरल के तिरुवनंतपुरम से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। इस विमान में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल सहित चार अन्य सांसद और कई यात्री सवार थे। सभी को उम्मीद थी कि वे समय पर और सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे, लेकिन यह सफर उनके लिए एक खौफनाक अनुभव बन गया।
फ्लाइट के दौरान तकनीकी खराबी सामने आई, जिसके चलते विमान को चेन्नई एयरपोर्ट की ओर डायवर्ट कर दिया गया। इस दौरान करीब दो घंटे तक विमान हवा में मंडराता रहा। सांसद केसी वेणुगोपाल ने बताया कि उड़ान में देरी हुई और उड़ान के बाद टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। एक घंटे के भीतर पायलट ने ‘सिंगल फॉल्ट’ की जानकारी दी। दो घंटे तक विमान चेन्नई के आसमान में उड़ता रहा और जब पहली बार लैंडिंग की कोशिश की गई, तो पायलट ने रनवे पर एक अन्य विमान देखकर समय रहते विमान को दोबारा ऊपर उड़ा लिया।
पायलट को मिला ‘गो-अराउंड’ का निर्देश
एक ओर जहां सांसद की ओर से यह बयान सामने आया, वहीं एयर इंडिया की तरफ से भी स्थिति स्पष्ट की गई। एयर इंडिया ने कहा कि चेन्नई की ओर डायवर्जन पूरी तरह एहतियात के तौर पर किया गया था। जब पहली बार लैंडिंग की कोशिश की गई, उस समय चेन्नई ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) ने पायलट को ‘गो-अराउंड’ का निर्देश दिया था। एयर इंडिया ने यह भी साफ किया कि रनवे पर किसी अन्य विमान की उपस्थिति के कारण यह निर्देश नहीं दिया गया था, बल्कि यह एक सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया थी। ATC द्वारा दिए गए गो-अराउंड निर्देश की वजह से ही विमान एक संभावित दुर्घटना से बच सका और सभी यात्री सुरक्षित रहे।
क्या होता है ‘गो-अराउंड’?
जिस तरह सड़कों पर यातायात के नियम होते हैं, उसी तरह आसमान में उड़ते विमानों के लिए भी सख्त नियम और प्रक्रियाएं होती हैं। हजारों फीट ऊपर उड़ान भरते विमानों को सुरक्षित लैंड कराने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) द्वारा हर कदम पर निगरानी रखी जाती है।
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‘गो-अराउंड’ एक एवीएशन टर्म है जो उस स्थिति में इस्तेमाल होता है जब किसी विमान की लैंडिंग सुरक्षित नहीं मानी जाती। जैसे ही ATC को लगता है कि रनवे पर कोई खतरा है—चाहे वह मौसम हो, कोई तकनीकी दिक्कत हो या रनवे पर कोई अवरोध हो—तो वे पायलट को ‘गो-अराउंड’ का निर्देश देते हैं। इसका मतलब है कि पायलट को लैंडिंग की प्रक्रिया तुरंत रोकनी होती है और विमान को फिर से ऊंचाई पर ले जाकर दोबारा सुरक्षित लैंडिंग की तैयारी करनी होती है।
क्या हुआ था एयर इंडिया की फ्लाईट में ?
चेन्नई एयरपोर्ट पर जब एयर इंडिया की फ्लाइट लैंडिंग की प्रक्रिया में थी, तब पायलट को ‘गो-अराउंड’ का निर्देश मिला। पायलट ने तुरंत विमान को दोबारा ऊपर उठाया और कुछ देर बाद दोबारा लैंडिंग की कोशिश की गई, जो पूरी तरह सुरक्षित रही। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका निभाई ‘गो-अराउंड’ निर्देश और पायलट की सूझबूझ ने, जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा टल गया और सैकड़ों यात्रियों की जान सुरक्षित रही।