Gold & Silver Price Update: पिछले कुछ महीनों से सोने और चांदी के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। इसे लेकर सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए कहा कि कीमतों में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता है। ऐसे हालात में निवेशक जोखिम भरे निवेश से दूरी बनाकर सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं, जिनमें सोना और चांदी सबसे ऊपर माने जाते हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि भारत में सोने और चांदी की कीमतें सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तय होने वाले भाव पर निर्भर करती हैं। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और देश में लगने वाले टैक्स व शुल्क भी कीमतों को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल होते ही घरेलू बाजार में भी दाम बदलने लगते हैं।
वैश्विक हालात का सीधा असर
सरकार के अनुसार, जब दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध जैसे हालात बनते हैं, मंदी का डर बढ़ता है या आर्थिक अस्थिरता गहराती है, तो निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार से हटने लगता है। ऐसे समय में लोग सोने और चांदी जैसी सुरक्षित धातुओं में निवेश को बेहतर मानते हैं। इससे इनकी मांग बढ़ जाती है और कीमतें तेजी से ऊपर जाती हैं।
इसके साथ ही दुनिया भर के केंद्रीय बैंक और बड़े वित्तीय संस्थान भी भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग और मजबूत हो रही है, जिसका असर भारत सहित सभी देशों में दिखाई देता है।
हर वर्ग पर असर एक जैसा नहीं
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों का असर सभी राज्यों और सभी लोगों पर एक जैसा नहीं होता। देश के अलग-अलग हिस्सों में इन धातुओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व अलग है। कहीं सोना शादी और त्योहारों से जुड़ा है, तो कहीं इसे लंबे समय के निवेश के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि सोना और चांदी सिर्फ पहनने या उपयोग की चीजें नहीं हैं, बल्कि यह निवेश का भी मजबूत जरिया हैं। अनिश्चित समय में इन्हें सुरक्षित संपत्ति माना जाता है, इसलिए लोग इनमें पैसा लगाना पसंद करते हैं।
सरकार की भूमिका पर साफ जवाब
सरकार ने यह भी साफ किया कि कीमती धातुओं की कीमतें पूरी तरह बाजार के हिसाब से तय होती हैं। सरकार इनके दाम तय करने में कोई सीधी भूमिका नहीं निभाती। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी से उन परिवारों को फायदा जरूर होता है, जिनके पास पहले से सोना-चांदी मौजूद है, क्योंकि उनकी संपत्ति का मूल्य बढ़ जाता है।
आयात के आंकड़े क्या कहते हैं
आंकड़ों का जिक्र करते हुए मंत्री ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक भारत ने करीब 26.51 अरब डॉलर का सोना और 3.21 अरब डॉलर की चांदी का आयात किया है। यह साफ दिखाता है कि देश में सोने और चांदी की मांग अभी भी काफी मजबूत बनी हुई है।
