Guwahati Airport New Terminal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने न केवल टर्मिनल का औपचारिक शुभारंभ किया, बल्कि उसके अंदर जाकर सुविधाओं का जायजा भी लिया। यह नया टर्मिनल करीब 4,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और इसे देश का पहला नेचर-थीम आधारित एयरपोर्ट टर्मिनल माना जा रहा है।
इस एयरपोर्ट का नाम असम के पहले मुख्यमंत्री लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रखा गया है। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट परिसर के बाहर लगी उनकी लगभग 80 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग और अधिकारी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों के लिए यह पल गर्व और सम्मान से भरा रहा।
उत्तर-पूर्वी भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट टर्मिनल
नए टर्मिनल को यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इसकी सालाना यात्री क्षमता 1.3 करोड़ यानी 13 मिलियन से अधिक होगी। इसके साथ ही यह टर्मिनल पूरे उत्तर-पूर्वी भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट टर्मिनल बन जाएगा। इससे नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को हवाई यात्रा में बेहतर सुविधा मिलेगी और दूसरे राज्यों से संपर्क भी आसान होगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 5,000 करोड़ रुपये बताई गई है। इसमें से लगभग 1,000 करोड़ रुपये मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सुविधाओं के लिए रखे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में यह एयरपोर्ट नॉर्थ-ईस्ट भारत के लिए एक बड़ा एविएशन हब बनेगा। साथ ही, इसे साउथ-ईस्ट एशिया के लिए एक अहम गेटवे के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
अडानी एयरपोर्ट्स ने बनाया यह शाहकार
इस नए टर्मिनल का निर्माण अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड ने किया है। टर्मिनल के डिजाइन में असम और पूरे नॉर्थ-ईस्ट की संस्कृति और प्रकृति को खास जगह दी गई है। बांस और ऑर्किड जैसे स्थानीय तत्वों से प्रेरित डिजाइन इसे एक अलग और आकर्षक पहचान देता है। यात्रियों को यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ क्षेत्रीय संस्कृति की झलक भी मिलेगी।
राज्य और केंद्र के बेहतर ताल मेल से सपना हुआ सच
अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर तालमेल रहा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले ही टर्मिनल तक पहुंचने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और विस्तार के लिए 116.2 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। उन्होंने समय-समय पर प्रोजेक्ट की प्रगति और सुविधाओं की समीक्षा भी की, ताकि काम तय समय में पूरा हो सके।



