important land terms to know before buying property अगर आप जल्द ही कोई जमीन या मकान खरीदने का सोच रहे हैं, तो उससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातें जरूर जान लेनी चाहिए। अक्सर लोग जमीन से जुड़े ऐसे शब्द सुनते हैं जिनका मतलब उन्हें ठीक से पता नहीं होता। जैसे ही कोई प्रॉपर्टी या जमीन खरीदने की बात आती है, ‘रकबा’, ‘खसरा’, ‘खतौनी’ जैसे शब्द सामने आते हैं। इनका मतलब जानना बहुत जरूरी है ताकि बाद में कोई धोखा न हो।
रकबा क्या होता है?
‘रकबा’ शब्द का इस्तेमाल तब होता है जब आप किसी जमीन का आकार या क्षेत्रफल जानना चाहते हैं। आसान भाषा में कहें तो रकबा मतलब जमीन कितनी लंबी और चौड़ी है, यानी कुल मिलाकर वह कितने हिस्से में फैली है। जमीन खरीदने से पहले उसका रकबा जान लेना जरूरी होता है क्योंकि उसी के आधार पर उसका दाम तय होता है।
खसरा नंबर क्यों जरूरी है?
जब भी आप कोई जमीन खरीदते हैं, तो एक खास नंबर मिलता है जिसे खसरा नंबर कहा जाता है। यह नंबर हर जमीन के टुकड़े को अलग पहचान देता है। खसरा नंबर असल में एक रिकॉर्ड नंबर होता है, जिसे जमीन के दस्तावेजों में दर्ज किया जाता है। सरकार या प्रशासन हर खेत या जमीन को एक अलग खसरा नंबर देती है, जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि वह जमीन किसकी है और कहां स्थित है।
शहरों में इसे प्लॉट नंबर या सर्वे नंबर के नाम से जाना जाता है। जमीन खरीदते वक्त आपको यह देखना होता है कि जो जमीन आप ले रहे हैं उसका खसरा नंबर सही है या नहीं।
खतौनी का क्या मतलब है?
खतौनी एक सरकारी रिकॉर्ड होता है जो बताता है कि किसी व्यक्ति या उसके परिवार के पास कितनी जमीन है। यह दस्तावेज राजस्व विभाग के पास रहता है और इसमें जमीन से जुड़ी पूरी जानकारी होती है। जैसे, जमीन किसके नाम है, कितनी है, और किस गांव या क्षेत्र में है। जमीन की मिल्कियत और मालिकाना हक की पुष्टि करने के लिए खतौनी बेहद जरूरी दस्तावेज होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
जमीन खरीदते समय रकबा, खसरा और खतौनी तीनों की जांच जरूर करें।
दस्तावेजों को संबंधित तहसील या राजस्व विभाग से क्रॉस चेक करना न भूलें।
किसी भी प्रॉपर्टी डील में जल्दबाजी न करें, हर दस्तावेज को ठीक से पढ़ें।