नई दिल्ली ऑनलाइन खेल डेस्क। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खासी रोमांचक रही। दोनों टीमें मैदान पर खूब लड़ीं। हर टेस्ट मैच में रोचक मुकाबले देखने को मिले। पांचों टेस्ट पूरे पांच दिन तक खेले गए। टीम इंडिया ने क्रिकेट के इतिहास में 25 दिनों में 3809 रन बनाए। गेंदबाजी ने ऐसा कहर बरपाया कि अंग्रेज बल्लेबाज एक-एक रन को तरसे। अब तक की सबसे खतरानक सीरीज आखिर में दो-दो के हिसाब से बराबर पर छूटी। मैच खत्म हुए और सीरीज का भी द एंड हो गया, लेकिन अब विवादों का सिलसिला शुरू हो गया है। बयानबाजियों के साथ ही पूर्व अंग्रेज क्रिकेटरों ने अब टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर जुबान से बैटिंग शुरू कर दी है। जिसका जवाब भी भारत के क्रिकेटर्स सोशल मीडिया के जरिए दे रहे हैं।
अंग्रेज ही क्रिकेट के जन्मदाता हैं। अंग्रेजों ने ही क्रिकेट की नींव रखी। भारत ने अंग्रेजों के साथ क्रिकेट खेलकर इस जबरदस्त खेल की एबीसीडी सीखी। 96 साल के बाद भारत ने अंग्रेजों से सूत समेत लगान वसूली। पांच टेस्ट मैचों वाली सीरीज को युवा कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में टीम इंडिया ने इंग्लैंड में धूम मचा दिया। हर मुकाबले में एक अलग तरह की लड़ाई देखने को मिली। कुछ गलतियों को छोड़कर भारतीय टीम ने हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। भारत एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली दुनिया की दूसरी टीम बनी। भारत ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 42.32 के औसत से कुल 3809 रन बनाए। भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड दौरे पर सर्वाधिक 754 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल हैं। भारत ने इंग्लैंड का 96 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है। सूची में इंग्लैंड टीम अब तीसरे पायदान पर खिसक गई है। पहले स्थान पर आस्ट्रेलिया है।
भारत-इंग्लैंड सीरीज में कई खिलाड़ियों ने अपने हुनर का लोहा बनवाया। ऋषभ पंत की ऋषभ पंत देखने को मिली तो मोहम्मद सिराज का मैजिक सिर चढ़कर बोला। वोक्स का जलवा भी देखने को मिली। हार को जीत में तब्दील करने के इरादे से वह मैदान पर एक हाथ से बैटकर पकड़ कर उतरे। लेकिन सिराज के आगे एक भी नहीं चली। सीरीज ड्रा होने पर अब अंग्रेजों का मिर्ची लगी हुई है और वह भारतीय खिलाड़ियों पर आरोप लगा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट के कोच, जिन्होंने तेज गेंदबाज आकाशदीप को बैन करने की मांग आईसीसी से की है। दरअसल, पांचवें टेस्ट मैच में जब आकाशदीप ने बेन डकेट को बोल्ड किया था उसके बाद उनके पास जाकर उनके कंधें पर हाथ रखते हुए बात की थी। दोनों के बीच नोंक-झोंक देखने को मिली थी। डकेट के कोच को ये बात रास नहीं आई है और उन्होंने आईसीसी से इस मामले में दखल देने की बात कही है।
बेन डकेट के कोच जेम्स नॉट ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ये काफी प्रतिद्वंद्वी सीरीज थी, लेकिन एक युवा खिलाड़ी को हत्तोसाहित करने के लिए बैन होना चाहिए। लेकिन निजी तौर पर मुझे फर्क नहीं पड़ता। डकेट के कोच ने कहा कि बेशक उनकी हाइट कम हो लेकिन बहुत कम उम्र में वह तेजी से बाउंड्री मारना सीख गए थे। उन्होंने कहा, जब मैंने डकेट को पहली बार देखा था उनके पास पहले से ही रिवर्स स्वीप और स्विच हिट था। हमने फिर कुछ और स्वीप जोड़े। वह हमेशा अपनी उम्र के लोगों से छोटे रहे हैं लेकिन वह गेंद को काफी जोर से मारते हैं। अंडर-14 और अंडर-16 के समय से उन्होंने जो सबसे बड़ी चीज सीखी वो ये था कि उन्हें बाउंड्री मारने के लिए ताकत की जरूरत नहीं है। वह गेंद को नीचे से मारते थे और आज भी वह ऐसा करते हैं। डकेट के कोच ने कहा कि आकाशदीप ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में आईसीसी को आकाशदीप पर एक्शन लेना चाहिए।
टीम इंडिया की तरफ से बिहार के रहने वाले आकाशदीप ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने एक टेस्ट मैचों की दोनों पारियों में 10 बल्लेबाजों को आउट कर इतिहास रच दिया। इंग्लैंड के बर्मिंघम एजबेस्टन मैदान पर अंग्रेजों की 336 रनों से करारी शिकस्त के नायक आकाशदीप ने अपना 167 वर्ष पुराना हिसाब भी चुकता कर लिया। आकाशदीप के शानदार प्रदर्शन से जहां सासाराम व उनके गांव बड्डी सहित जिले भर में खुशी की लहर थी तो वहीं, लोग आकाशदीप के प्रदर्शन की अंग्रेजों के साथ 167 वर्ष पुराने कनेक्शन की भी चर्चा जोरों पर है। दरअसल, तब अंग्रेज सरकार ने आकाशदीप के स्वतंत्रता सेनानी परदादा को तोप से उड़ा दिया था। बात है 1858 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में बलिदान होने वाले वीर कुंवर सिंह के अनन्य सहयोगी बड्डी गांव निवासी बाबू निशान सिंह की। उनकी देशभक्ति आज भी अनुकरणीय है। अकाशदीप के दादा ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंका और गांव-गांव में लोगों को इस क्रांति में शामिल किया।
एसपी जैन कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. गुरुचरण सिंह के अनुसार, आकाशदीप बाबू निशान सिंह की छठवीं पीढ़ी हैं। इनके परदादा निशान सिंह 1857 की लड़ाई के प्रमुख क्रांतिवीरों में से एक थे, जिन्हें सात जून 1858 को अंग्रेजी हुकूमत ने सासाराम के गौरक्षणी में तोप के मुंह पर बांधकर उड़ा दिया था। अब उनके परपोते आकाशदीप ने अंग्रेजों के घर में घुस उनका किला ढहा पुराने हिसाब को चुकता किया है। आकाशदीप के परिवार के सदस्य श्यामलाल सिंह कहते हैं कि उनकी इस ऐतिहासिक सफलता पर पूरे जिले में खुशी का माहौल है। आज आकाश पूरे देश के गौरव बन चुके हैं। आकाश ने आपने नाम को सार्थक किया है। आकाश भारत का स्विंग का सुल्तान बनेगा।
बता दें, फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैच के लिए जब भारतीय टीम की घोषणा हुई, तो उसमें आकाशदीप का भी नाम था। 17 सदस्यीय टीम इंडिया में 27 साल के आकाशदीप पहली बार भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुने गए थे। इंग्लैंड के खिलाफ 23 फरवरी 2024 को रांची में खेले गए चौथे टेस्ट की पहली पारी के पहले ही सेशन में उन्होंने टाप आर्डर अंग्रेज बल्लेबाजों को आउट कर सनसनी मचा दी थी। इस बार जसप्रीत बुमराह की जगह टीम में शामिल किए गए आकाशदीप ने दोनों पारियों में मिलाकर 10 विकेट झटके और मैच के हीरो बन गए। पहली पारी में जहां उन्होंने चार विकेट लिए, वहीं दूसरी पारी में शानदार गेंदबाजी का कहर बरपाते हुए छह विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी।