Census 2027: भारत सरकार ने 16 जून 2025 को राजपत्र में जनगणना 2027 की अधिसूचना जारी कर दी है। यह स्वतंत्र भारत की आठवीं और कुल 16वीं जनगणना होगी, जो कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होने जा रही है। पहली बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी और इसमें 1931 के बाद पहली बार जातिगत आंकड़े भी शामिल होंगे। नागरिकों को सेल्फ-एंट्री की सुविधा मिलेगी, जिससे वे खुद अपनी जानकारी पोर्टल या ऐप के ज़रिए दर्ज कर सकेंगे। सरकार का दावा है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता, सटीकता और तेजी को बढ़ावा देगी। इसके जरिए नीतिगत फैसलों, आरक्षण व्यवस्था और परिसीमन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए बुनियादी डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या पूछे जाएंगे सवाल? ये रहे मुख्य बिंदु
Census 2027 के दौरान नागरिकों से उनके जीवन से जुड़ी गहन जानकारी जुटाई जाएगी। मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- व्यक्तिगत जानकारी: नाम, उम्र, लिंग, जन्म स्थान, वैवाहिक स्थिति, धर्म, भाषा
- जातिगत जानकारी: आपकी जाति/उपजाति (OBC, SC, ST, अन्य)
- आवासीय विवरण: मकान का प्रकार, बिजली, पानी, शौचालय व रसोई की स्थिति
- शिक्षा: शिक्षा का स्तर, स्कूल या कॉलेज में नामांकन
- रोजगार और आय: पेशा, आय का स्रोत, बेरोजगारी या स्वरोजगार की स्थिति
- स्थानांतरण व दिव्यांगता: स्थायी और वर्तमान निवास में अंतर, दिव्यांगता की जानकारी
इस जानकारी का क्या होगा उपयोग?
जनगणना के आंकड़े सरकार के लिए नीति निर्माण का आधार होते हैं। इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:
- सामाजिक-आर्थिक योजनाएं: स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, आवास, पेयजल जैसी योजनाएं बनाने में सहायक
- आरक्षण नीति: जातिगत डेटा से आरक्षण प्रणाली का पुनर्मूल्यांकन संभव होगा
- महिला आरक्षण और परिसीमन: 2028 में होने वाले परिसीमन और महिला आरक्षण के कार्यान्वयन में यह आंकड़े निर्णायक होंगे
- क्षेत्रीय विकास: किन क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी है, इसका विश्लेषण और समाधान
- आपदा प्रबंधन: जनसंख्या घनत्व और संरचना का अध्ययन कर आपदा योजना बनाई जा सकेगी
गोपनीयता और डिजिटल सुरक्षा पर विशेष ध्यान
Census 2027 के आंकड़ों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं की जाएगी। जनगणना के लिए तैयार मोबाइल ऐप और सीएमएमएस पोर्टल (Census Management and Monitoring System) डेटा सुरक्षा की पूरी व्यवस्था के साथ कार्य करेगा। नागरिकों को “स्व-गणना” की सुविधा भी दी जाएगी, जिसमें वे स्वयं जानकारी भर सकते हैं और एक यूनिक आईडी जनरेट कर सकते हैं।
नया भारत, नई जनगणना
Census 2027 केवल एक संख्या संग्रहण की प्रक्रिया नहीं, बल्कि “विकसित भारत @2047” की नींव रखने वाला कदम है। पहली बार डिजिटल, पहली बार जातिगत विवरणों के साथ – यह जनगणना भविष्य की योजनाओं और सामाजिक न्याय की दिशा को आकार देगी। नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे इस प्रक्रिया में भाग लेकर न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाएं, बल्कि देश के विकास की कहानी में सक्रिय भूमिका भी निभाएं।