Pannu in Trump Swearing-in ceremony: अमेरिका को डोनाल्ड ट्रंप के रूप में 47वां राष्ट्रपति मिल गया है। सोमवार को वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल हॉल में ट्रंप ने शपथ ग्रहण किया। इस समारोह में दुनियाभर के कई मेहमान और नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण के बाद हुए सेलिब्रेशन कार्यक्रम में भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी नजर आया। दावा किया जा रहा है कि पन्नू समारोह स्थल के अंदर मौजूद था और खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए देखा गया।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि उसे ट्रंप गुट द्वारा इस समारोह में आमंत्रित किया गया था। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पन्नू ने अपने एक संपर्क (Pannu in Trump Swearing-in ceremony) के माध्यम से टिकट खरीदकर कार्यक्रम में प्रवेश किया। इतने हाई-प्रोफाइल आयोजन में पन्नू की मौजूदगी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और समारोह में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर ये चिंता का विषय है।
“खालिस्तान जिंदाबाद,खालिस्तान जिंदाबाद”
ट्रंप की सुरक्षा में भारी चूक…
ट्रंप के शपथ कार्यक्रम में दिखा भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू कार्यक्रम में दिखा#USA #DonaldTrump #America #DonaldTrumpOathCeremony #USpresidency #WorldNews #President… pic.twitter.com/bU4ZhKcSQ3
— News1India (@News1IndiaTweet) January 21, 2025
अमेरिका ने पन्नू पर लगाए थे ये आरोप
पिछले साल अमेरिका ने भारत के एक पूर्व अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। अमेरिकी अधिकारियों का दावा था कि न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या के लिए भाड़े के शूटर की हायरिंग की गई थी। इसके अलावा पूर्व भारतीय अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगाया गया था।
अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के असफल प्रयास के मामले में विकास यादव का नाम लिया था। पन्नू, जो अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखता है उसके खिलाफ इस साजिश में विकास यादव को कथित रूप से शामिल बताया गया। विकास यादव को भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का पूर्व अधिकारी बताया गया है।
हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मामले की गहन जांच के बाद एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जांच में उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और पुराने संबंधों का भी खुलासा हुआ।
यह भी पढ़े: दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटों पर BSP का दांव, हिंदू उम्मीदवारों के पीछे क्या है बड़ी रणनीति?