भारत पाकिस्तान टेंशन के बीच जयराम रमेश ने की मांग, बोले- संसद का विशेष सत्र बुलाओ हो सर्वदलीय बैठक

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने और सर्वदलीय बैठक आयोजित करने की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, पहलगाम में हुए आतंकी हमले और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने का अनुरोध किया है। भारत और पाकिस्तान ने सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति व्यक्त की है।

Jairam Ramesh

Jairam Ramesh : भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों से जारी तनावपूर्ण हालात अब कुछ शांत होते नजर रहे हैं। दोनों देशों ने सैन्य टकराव को विराम देने के लिए सीजफायर पर आपसी सहमति जताई है। इसी पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं और साथ ही संसद का विशेष सत्र आयोजित करें।

जयराम रमेश ने कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और भारत-पाकिस्तान सीमा पर उपजे तनाव ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में यह आवश्यक है कि सरकार सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में ले और एक साझा रणनीति के लिए संवाद स्थापित करे।

सोशल मीडिया पर जताई मांग

कांग्रेस नेता ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “वॉशिंगटन डीसी से आई अभूतपूर्व कूटनीतिक घोषणाओं के बाद अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गया है कि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं। संसद का विशेष सत्र आयोजित कर, पिछले 18 दिनों में घटी घटनाओं, पहलगाम हमले और आगे की योजना पर विस्तार से चर्चा की जाए। इससे राष्ट्रीय एकता और सामूहिक संकल्प का मजबूत संदेश जाएगा।”

इस बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत सफल रही है। दोनों देशों ने जमीन, समुद्र और आकाश में किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि रोकने पर सहमति जताई है। मिस्री ने बताया कि यह युद्धविराम शनिवार शाम 5 बजे से लागू हो गया है और दोनों पक्षों को आवश्यक निर्देश भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा, 12 मई को एक और डीजीएमओ बैठक होगी, जिसमें आगे की शांति प्रक्रिया पर चर्चा की जाएगी।

जयशंकर ने दोहराया भारत का सख्त रुख

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भले ही युद्धविराम पर सहमति बनी हो, लेकिन भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति बिल्कुल स्पष्ट और अडिग है, और यह आगे भी बनी रहेगी। सीजफायर की पृष्ठभूमि में अमेरिकी कूटनीतिक पहल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि भारत और पाकिस्तान ने एक तटस्थ स्थान पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है।

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न्होंने कहा, “पिछले दो दिनों में अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस और मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बातचीत की। यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों देशों ने शीघ्र युद्धविराम और वार्ता की दिशा में सहमति जताई है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका दोनों नेताओं की राजनीतिक सूझबूझ और दूरदर्शिता की सराहना करता है, जिन्होंने तनाव को कम करने की पहल की।

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