Major Decline in India’s Unemployment Rate: भारत में बेरोजगारी दर पिछले छह वर्षों में काफी कम हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 में जहां बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है। यह जानकारी श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को लोकसभा में दी। उन्होंने एक लिखित जवाब में बताया कि मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की साप्ताहिक रोजगार स्थिति के आधार पर बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर 2025 में यह 5.2 प्रतिशत रही। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 4.3 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह दर अगस्त 2025 में 6.7 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 6.8 प्रतिशत रही। मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करना है, बल्कि लोगों की रोजगार क्षमता को बढ़ाना भी है।
रोजगार बढ़ाने वाली योजनाएँ
इसके लिए केंद्र सरकार पूरे देश में कई रोजगार बढ़ाने वाली योजनाएँ चला रही है। इसमें महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) शामिल हैं। इसके साथ ही पीएम स्वनिधि योजना, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी रोजगार बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
क्या है प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना
मंत्री ने बताया कि सरकार ने रोजगार क्षमता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना भी शुरू की है। यह एक रोजगार प्रोत्साहन योजना है जिसे खासकर विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देते हुए लागू किया गया है। इस योजना का बजट 99,446 करोड़ रुपये है और इसका लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार उत्पन्न करना है।
महिलाओं के लिए श्रम कानूनों में कौन से हुए बदलाव
सरकार ने महिलाओं के लिए सुरक्षित और अनुकूल कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हेतु श्रम कानूनों में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत 26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश और 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली जगहों पर अनिवार्य क्रेच सुविधा का प्रावधान किया गया है। इससे महिला श्रमिकों को कार्यस्थल पर बेहतर माहौल और समान अवसर मिल सकेंगे।
