Indian Navy Day:हर साल भारतीय नौसेना एक नई थीम के साथ नौसेना दिवस मनाती है। 2024 की थीम है “नई सोच और स्वदेशीकरण से ताकत और शक्ति”। यह नौसेना की आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।2024 में नौसेना दिवस का मुख्य कार्यक्रम पुरी, ओडिशा के ब्लू फ्लैग बीच पर आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर युद्धपोतों की क्षमताओं का प्रदर्शन, परेड और सेमिनार जैसे कार्यक्रम होते हैं।
नौसेना दिवस का इतिहास
भारत की सेनाओ में नौसेना का अपना अलग महत्व है।इसके समर्पण और साहस को सहारने के लिए हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाते हैं । ये निर्णय मई 1972 में लिया गया।असल मे 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के जरिए पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था। 4 दिसंबर को नौसेना की पश्चिमी कमान ने कराची में पाकिस्तान के नौसैनिक अड्डे पर हमला किया। इस हमले से कराची बंदरगाह पूरी तरह तबाह हो गया और वहां लगी आग सात दिनों तक जलती रही। इस ऑपरेशन का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टणशेट्टी गोपाल राव ने किया। इस ऐतिहासिक सफलता की याद में हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय नौसेना का गौरव और ताकत
भारतीय नौसेना एक सशक्त सेना है और हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय नौसेना की बहादुरी, शौर्य और उपलब्धियों को सलाम करने के लिए मनाते हैं क्यूंकि नौसेना न केवल समुद्री सीमाओं की रक्षा करती है बल्कि भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाती है।
भारतीय नौसेना का इतिहास
भारतीय नौसेना की शुरुआत 1612 में हुई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ‘ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन’ का गठन किया। 1686 में इसे बॉम्बे मरीन नाम दिया गया। इसके बाद, 1892 में इसका नाम बदलकर ‘रॉयल इंडियन मरीन’ रखा गया। आजादी के बाद 1950 में इसे भारतीय नौसेना के नाम से पुकारा गया।भारतीय नौसेना देश की समुद्री ताकत और सुरक्षा का अहम स्तंभ है। नौसेना दिवस हमें इसकी अदम्य शक्ति और गौरव की याद दिलाता है।