Indian Navy attack on Pakistan : पाकिस्तान द्वारा जम्मू और देश के तीन अन्य हिस्सों में किए गए हमलों ने उसे गंभीर संकट में डाल दिया है। भारतीय सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई इतनी तीव्र और योजनाबद्ध रही कि इसकी कल्पना शायद पाकिस्तान ने भी नहीं की थी। इस बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोत INS विक्रांत ने कराची बंदरगाह के कई अहम ठिकानों पर तीखा हमला किया है। इस हमले में भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
1971 के बाद पहली बार भारत की सीधी कार्रवाई!
भारतीय नौसेना की ओर से किया गया हमला 1971 के युद्ध के बाद पहला मौका है जब भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण शहर कराची को निशाना बनाया है। कराची को पाकिस्तान की आर्थिक नाड़ी और सामरिक दृष्टि से बेहद ज़रूरी केंद्र माना जाता है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो, रात के अंधेरे में किए गए इस ऑपरेशन में INS विक्रांत के साथ अन्य युद्धपोतों ने भी हिस्सा लिया। बताया जा रहा है कि नौसेना ने कराची के नौसैनिक अड्डों, ईंधन भंडारगृहों और सैन्य संचार केंद्रों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में लंबी दूरी की समुद्र-से-प्रक्षेपित मिसाइलों और आधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रयोग हुआ है।
रक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
सेना के वरिष्ठ विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल आर.के. सिंह ने इस घटना को सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक निर्णायक संदेश बताया है। उनके अनुसार, “भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वह केवल हमला सहने वाला देश नहीं रहा, बल्कि प्रभावी प्रतिक्रिया देने वाला राष्ट्र बन चुका है। कराची पर यह हमला पाकिस्तान की सैन्य संरचना, आर्थिक प्रणाली और मनोबल – तीनों पर एक साथ करारा प्रहार है।”
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उन्होंने आगे कहा कि कराची, जो पाकिस्तान की नौसेना का सबसे महत्वपूर्ण अड्डा होने के साथ-साथ देश की ऊर्जा और आपूर्ति प्रणाली का भी मुख्य केंद्र है, को निशाना बनाकर भारत ने उसकी लॉजिस्टिक रीढ़ को चोट पहुंचाई है। इस कार्रवाई के दीर्घकालिक रणनीतिक परिणाम निश्चित ही देखने को मिलेंगे।
पाकिस्तान के मंसूबों पर खरा उतरा भारत
पाकिस्तान को पहले से ही अरब सागर में INS विक्रांत की मौजूदगी से गहरी चिंता थी। इस विमानवाहक पोत की तैनाती का मतलब था कि भारत ने समुद्र के ऊपर 30 मिग-29के लड़ाकू विमानों का एक चलता-फिरता हवाई अड्डा तैनात कर दिया है। यह युद्धपोत पानी पर तैरता हुआ एक विशाल एयर बेस है, जो किसी भी स्थिति में त्वरित और घातक कार्रवाई करने में सक्षम है। INS विक्रांत के साथ कई विध्वंसक जहाज (डेस्ट्रॉयर), फ्रिगेट, ईंधन आपूर्ति पोत (रिफ्यूलर) और पनडुब्बियों का एक मजबूत बेड़ा भी चलता है, जो इसकी मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है। ऐसे मजबूत सुरक्षा घेरे और आक्रामक ताकत के साथ इस युद्धपोत से सीधे भिड़ना लगभग असंभव माना जाता है।
करांची में हुए 12 बम विस्फोट
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कराची शहर में लगातार 12 जोरदार धमाके सुने गए हैं। इन धमाकों की आवाजें कई किलोमीटर दूर तक गूंजीं, जिससे घबराए हुए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये हमले किस प्रकार और किस दिशा से किए गए। इन धमाकों के चलते कराची के पोर्ट क्षेत्र में भीषण आग लग गई है।
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आग इतनी भयानक है कि उसे काबू में करने के लिए दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ लगातार मौके पर जुटी हुई हैं। पूरे क्षेत्र में सायरन बजाए जा रहे हैं और नागरिकों को पोर्ट क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और हालात पर नजर रखी जा रही है।