Indigo Crisis 2025: इंडिगो एयरलाइंस का संचालन संकट लगातार गहराता जा रहा है। देश के अलग-अलग हवाईअड्डों पर यात्रियों को उड़ानें रद्द होने का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूरे मामले पर जवाब मांगा है और यात्रियों को मुआवजा देने पर जोर दिया है। अदालत का कहना है कि बुकिंग के बाद इस तरह उड़ानें रोकना बड़े पैमाने पर असुविधा पैदा करता है, इसलिए एयरलाइन और मंत्रालय दोनों को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
DGCA और सरकार ने कसा शिकंजा
विमानन नियामक DGCA ने हालात बिगड़ते देख इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को तलब किया है। मंत्रालय ने एयरलाइन को अपनी दैनिक उड़ानों में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है, जिसके कारण सैकड़ों यात्रियों की यात्रा योजनाएं बिगड़ रही हैं। कई एयरपोर्ट पर दिल्ली, पटना, गोरखपुर, चेन्नई और कोलकाता जैसे रूटों की महत्वपूर्ण उड़ानें रद्द कर दी गईं।
यात्रियों का यात्रा कार्यक्रम बिगड़ा
पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो की कुल 14 उड़ानें रद्द कर दी गईं। इनमें भी दिल्ली-पटना रूट सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। इसी तरह गोरखपुर में भी तीन मुख्य उड़ानें,कोलकाता, दिल्ली और बेंगलुरु, रद्द होने से लोग एयरपोर्ट पर घंटों परेशान रहे।
दिल्ली में एक 25 सदस्यीय परिवार फंस गया, जो उत्तराखंड की यात्रा से लौट रहा था। चेन्नई के लिए उनकी शाम 4 बजे वाली फ्लाइट आखिरी समय में रद्द कर दी गई, जिससे पूरा परिवार लंबे समय तक एयरपोर्ट पर परेशान होता रहा।
आर्थिक नुकसान लगातार बढ़ रहा
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने का असर सिर्फ यात्रियों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि दिल्ली के कारोबार पर भी बड़ा झटका लगा है। शहर के बाजारों में भीड़ 25 प्रतिशत तक कम हुई है और होटल-रेस्टोरेंट की बुकिंग बड़े पैमाने पर रद्द हुई हैं। अनुमान है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वहीं, विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में इंडिगो को करीब 2400 करोड़ रुपये तक का घाटा हो सकता है।
राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर भी विवाद
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया है कि पूरा संकट नागरिक उड्डयन मंत्रालय के गलत फैसलों के कारण हुआ। उनका कहना है कि मंत्रालय द्वारा उड़ानों में 10 प्रतिशत की कटौती का आदेश अचानक लागू किया गया, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
इसी बीच, छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने 9000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की मांग करते हुए एयरलाइन को कानूनी नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि उड़ानें रद्द करना यात्रियों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
SEBI की निगरानी तेज
इंडिगो अब SEBI की निगरानी में भी आ गया है। आरोप है कि DGCA द्वारा भेजे गए नोटिस की जानकारी कंपनी ने एक्सचेंज को समय पर नहीं दी। नियमों के उल्लंघन की जांच जल्द शुरू हो सकती है।
