Jejuri fire incident: महाराष्ट्र के जेजुरी में चुनावी जीत की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई, जब एक धार्मिक आयोजन के दौरान भंडारे में अचानक आग लग गई। इस दर्दनाक हादसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की दो नवनिर्वाचित महिला पार्षदों समेत कम से कम 16 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और जश्न का माहौल पल भर में चीख-पुकार में बदल गया।
भंडारे के दौरान हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, मल्हार नाट्यगृह में मतगणना पूरी होने के बाद एनसीपी अजित पवार गुट के विजयी उम्मीदवार और उनके समर्थक भगवान खंडोबा के दर्शन के लिए जेजुरी स्थित मंदिर पहुंचे थे। परंपरा के अनुसार, जीत की खुशी में मंदिर परिसर में भंडारा यानी हल्दी पाउडर उड़ाया जा रहा था। इसी दौरान अचानक भंडारे में आग लग गई।
आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही सेकंड में वह एक जोरदार धमाके की तरह महसूस हुई। वहां मौजूद लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। मंदिर परिसर धुएं और लपटों से भर गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
कैसे फैली आग?
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि भंडारे में इस्तेमाल किए गए हल्दी पाउडर में कुछ ऐसे रासायनिक तत्व मौजूद थे, जो बेहद ज्वलनशील थे। इसी वजह से हल्का सा चिंगारी या घर्षण होते ही आग भड़क उठी और तेजी से फैल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की आवाज सुनते ही लोग डर गए। कई लोग जमीन पर गिर पड़े, जबकि कुछ आग की चपेट में आ गए। चारों तरफ धुआं फैल गया और कुछ देर तक कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था।
घायलों में महिलाएं और युवक शामिल
इस हादसे में घायल हुए 16 लोगों में NCP की दो महिला पार्षदों के अलावा कई महिलाएं और युवक शामिल हैं। सभी घायलों को तुरंत जेजुरी के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए पुणे के बड़े अस्पतालों में भेजने की तैयारी की जा रही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई। जांच अधिकारी भंडारे के नमूने और अन्य सबूत जुटा रहे हैं, ताकि आग लगने की असली वजह का पता लगाया जा सके। वहीं, स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने राहत और बचाव कार्य में पूरा सहयोग किया।
प्रत्यक्षदर्शियों की बात
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जश्न का जोश इतना ज्यादा था कि सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज कर दिया गया। न तो पर्याप्त दूरी रखी गई और न ही आग से बचाव के कोई इंतजाम थे। अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर मानते हुए भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान सख्त सुरक्षा व्यवस्था अपनाने की बात कही है।
फिलहाल, इस हादसे में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं और उनका इलाज जारी है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि पूरे मामले की गहराई से जांच होगी और लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।



