Jodhpur blast: हिजाब लेने लौटी और आग की भेंट चढ़ गई सादिया… सिलेंडर ब्लास्ट से उजड़ा खुशियों भरा घर

जोधपुर के मियां की मस्जिद इलाके में सिलेंडर ब्लास्ट से मची तबाही में 19 साल की सादिया समेत दो लोगों की मौत हो गई। हिजाब लेने लौटी सादिया पर जलता दरवाजा गिर गया। 14 लोग झुलस गए।

Jodhpur

Jodhpur gas cylinder blast: जोधपुर के गुलाब सागर क्षेत्र के पास मियां की मस्जिद इलाके में सोमवार शाम दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। गैस सिलेंडर ब्लास्ट ने एक परिवार की उमरा यात्रा की तैयारियों को मातम में बदल दिया। हादसे में 14 महीने के मासूम समेत 19 वर्षीय छात्रा सादिया की मौत हो गई, जबकि 14 लोग झुलस गए। सादिया, जो नमाज के बाद बाहर निकल आई थी, अपना हिजाब लाने के लिए फिर से अंदर गई और जलते दरवाजे के नीचे दब गई। मोहम्मद सत्तार चौहान के घर में चल रही खुशियों की तैयारी पलभर में चीखों में बदल गई। भीषण आग से घर की दीवारें काली पड़ चुकी हैं और मोहल्ला अब भी उस भयावह मंजर से सहमा हुआ है।

उमरा की तैयारी थी, दर्दनाक अंत हुआ

सोमवार शाम 4:30 बजे मोहम्मद सत्तार चौहान के घर में खाना बन रहा था। उमरा यात्रा पर जाने से पहले फूल की रस्म सहित कई धार्मिक रस्में होनी थीं। पूरा परिवार मेहमानों को बुलाकर खाना खिलाने की योजना बना रहा था। अचानक गैस सिलेंडर में लीकेज से भयंकर आग लग गई, जिसने पूरा घर चपेट में ले लिया। इस हादसे में 14 महीने का मासूम और 19 साल की सादिया की जान चली गई।

सादिया दूसरी मंजिल के कमरे में नमाज पढ़ रही थी। धुएं के बीच उसने चाचा को कॉल कर अपनी लोकेशन बताई। किसी तरह फायर ब्रिगेड और मोहल्ले वालों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन वह अपना हिजाब लाने के लिए दोबारा अंदर गई, तभी जलता हुआ दरवाजा उस पर गिर गया। Jodhpur अस्पताल ले जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया।

घबराहट में कमरे में बंद हुईं महिलाएं, बेहोश मिलीं

Jodhpur घटना के समय घर की महिलाएं कमरे में बंद हो गईं। उन्होंने सोचा कि वहां सुरक्षित रहेंगी, लेकिन धुएं से दम घुटने लगा और सब बेहोश हो गईं। पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। मोहल्ले की गलियों में चीख-पुकार मच गई थी। कुछ लोग सिलेंडर उठाकर भागे तो कुछ गाड़ियां निकालने लगे।

आग इतनी भीषण थी कि पास की दुकानों और एक कंप्रेशर तक को चपेट में ले लिया। घर के आसपास अब भी जलने की गंध और दीवारों की कालिख उस रात की गवाही दे रही है।

चार भाइयों का एक घर, एक साथ उजड़ा सब कुछ

इस घर में सत्तार चौहान के चार बेटे—इकबाल, रफीक, सलीम और साजिद अपने परिवारों के साथ रहते थे। हादसे के वक्त रफीक अपनी दुकान पर था, जबकि बाकी सदस्य घर में ही थे। इकबाल की पत्नी पहले ही गुजर चुकी थीं, अब रफीक के पोते की भी हादसे में मौत हो गई। अस्पताल में झुलसे कई लोग अब भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, Jodhpur फायर ब्रिगेड को तंग गलियों के चलते समय पर पहुंचने में दिक्कत हुई। हादसे के दो दिन बाद भी मोहल्ला उस डर से उबर नहीं पाया है।

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