नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। भारतीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) के खिलाफ जासूसी मामले में नई जानकारी सामने आई हैं। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान पुलिस के पूर्व सब-इंस्पेक्टर नासिर ढिल्लों के सीधे संपर्क में थी। जो अब भारत के खिलाफ कथित खुफिया अभियानों के लिए जांच के दायरे में हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार मल्होत्रा ढिल्लों के साथ सीधे संपर्क में थी और यहां तक कि एक पॉडकास्ट एपिसोड में उनके साथ दिखाई भी दी थी। कथित तौर पर दोनों की मुलाकात मल्होत्रा के पाकिस्तान दौरे के दौरान हुई थी।
पाकिस्तानी पुलिस से सेवानिवृत्त होने के बाद अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने वाले ढिल्लों ने शुरुआत में खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और सांस्कृतिक संवाद के प्रवर्तक के रूप में पेश किया था। हालांकि, अब जांचकर्ताओं का मानना है कि इस सार्वजनिक छवि के पीछे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और सेना द्वारा संचालित एक गुप्त मिशन छिपा हुआ था।
अधिकारियों का आरोप है कि ढिल्लों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (Jyoti Malhotra) के लिए एक माध्यम के रूप में काम करता था और अपने चैनल का इस्तेमाल भारतीय यूट्यूबर्स तक पहुंचने के लिए करता था। उनके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने के बाद वह कथित तौर पर उन्हें आईएसआई के गुर्गों से मिलवाता था और धीरे-धीरे उन्हें भारतीय सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने के उद्देश्य से काम सौंपता था।
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ऐसा माना जाता है कि 36 वर्षीय मल्होत्रा ऐसे ही यूट्यूबर्स में से एक हैं, जिनके साथ इस नेटवर्क के माध्यम से छल किया गया। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि ढिल्लों के संबंध नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से भी थे, जिसे भारतीय अधिकारियों ने जासूसी के संदेह में 13 मई को निष्कासित कर दिया था।
जांचकर्ताओं को ढिल्लों और दानिश के बीच संबंध के विश्वसनीय साक्ष्य मिले हैं, जो राजनयिक कवर के तहत संचालित एक व्यापक और अधिक संगठित जासूसी गिरोह का संकेत देते हैं। ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से स्थानीय पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा उनसे कई दौर की पूछताछ की जा चुकी है।
वह पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अब तक हिरासत में लिए गए 12 व्यक्तियों में से एक हैं, जिन्हें खुफिया जानकारी जुटाने के लिए भारतीय डिजिटल प्रभावशाली व्यक्तियों का शोषण करने का प्रयास करने वाले एक कथित जासूसी नेटवर्क पर व्यापक कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क से जुड़े अधिक संभावित घुसपैठियों की पहचान करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं।