Famous Firm Fraud Case कासगंज जिले की सीजेएम कोर्ट में एक चर्चित फर्म से जुड़ा मामला सुनवाई के लिए पेश था। गंजडुंडवारा क्षेत्र में एक अवैध फर्म “जवाहर लाल रमेश चन्द्र” बनाकर चलाई जा रही थी, जिसे लेकर राज्य बनाम अभियुक्त अनिल कुमार गुप्ता व मुनीश कुमार गुप्ता की सुनवाई चल रही थी।
गवाह को 5 घंटे इंतजार कराया गया
इस केस में एक महत्वपूर्ण गवाह सुरेन्द्र विजयवर्गीय को कोर्ट में बुलाया गया था। गवाह सुबह से कोर्ट में बैठा रहा, लेकिन पूरे 5 घंटे तक अभियुक्त पक्ष की ओर से कोई जिरह नहीं की गई।
अभियुक्त पक्ष की चालाकी आई सामने
अभियुक्तों की ओर से खड़े दो वकील आपस में टाल-मटोल करते रहे। कोई भी जिरह के लिए आगे नहीं आया। कोर्ट के पूरे दिन का समय बीतने के बाद जब समय समाप्त होने को आया, तब अभियुक्त पक्ष ने एक स्थगन आवेदन दाखिल कर दिया।
अभियोजन पक्ष ने किया विरोध
यह देखकर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता धनंजय ने इसका विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि यह अभियुक्त पक्ष की रणनीति है, जिससे गवाह को बार-बार बुलाकर परेशान किया जाए और कोर्ट का समय बर्बाद किया जाए।
कोर्ट का सख्त रुख और हर्जाना
सीजेएम कोर्ट की न्यायाधीश अनुपमा सिंह ने अभियोजन पक्ष की बातों को गंभीरता से लिया। उन्होंने माना कि अभियुक्त पक्ष जानबूझकर समय खराब कर रहा है। इस कारण उन्होंने अभियुक्तों पर 300 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।
यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में अभियुक्तों की ओर से की जा रही देरी और चालाकियों को उजागर करता है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए साफ किया कि गवाह और कोर्ट का समय बर्बाद करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।