Lalbaugcha Raja: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंडलों में से एक लालबागचा राजा ने इस साल अपने 92वें गणेशोत्सव की शुरुआत बड़े ही धूमधाम से कर दी है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों भक्त बाप्पा की पहली झलक पाने के लिए मंडप पहुंचे। जैसे ही प्रतिमा का अनावरण हुआ, पूरा माहौल भक्ति और उत्साह से भर गया।
तिरुपति बालाजी थीम से सजा मंडप
मंडल के अध्यक्ष बालासाहेब कांबले ने बताया कि इस बार मंडप को भगवान तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया है। पूरा मंडप सुनहरी महल जैसा दिखाई दे रहा है, जिसे खास डिजाइन के साथ तैयार किया गया है। कांबले के मुताबिक, “लालबागचा राजा का यह 92वां साल है और हमने सबसे पहले दुनिया को बाप्पा के दर्शन कराए हैं। इस बार की प्रतिमा में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम है, जो भक्तों के मन में नई ऊर्जा और श्रद्धा का भाव पैदा कर रहा है।”
लाखों भक्तों के लिए खास इंतजाम
मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे देश से लोग लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भी मंडप में भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को देखते हुए मंडल ने सुरक्षा और सेवा के लिए विशेष तैयारी की है। करीब 5,000 स्वयंसेवक भक्तों की सेवा में लगे हैं ताकि हर कोई बिना किसी परेशानी के बाप्पा के दर्शन कर सके।
इसके अलावा मंडप परिसर और आसपास भक्तों के लिए भोजन, पानी, प्राथमिक इलाज और आराम करने की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। मंडल का मकसद यही है कि हर भक्त संतुष्ट होकर और खुश मन से घर लौटे।
डाक विभाग ने जारी किया खास पोस्टकार्ड
इस साल का गणेशोत्सव और भी खास हो गया है क्योंकि भारत सरकार के डाक विभाग ने ‘लालबागचा राजा’ के सम्मान में एक विशेष पोस्टकार्ड जारी किया है। यह भक्तों के लिए गर्व का क्षण है और आस्था का प्रतीक भी।
कांबले ने इस पर खुशी जताते हुए कहा, “यह हमारे मंडल और सभी भक्तों के लिए गर्व की बात है कि सरकार ने इस पावन अवसर पर बाप्पा को यह विशेष सम्मान दिया है।”
आस्था और उत्साह का संगम
मुंबई में गणेशोत्सव की असली शुरुआत लालबागचा राजा के दर्शन से होती है। जैसे ही भक्त बाप्पा की मूर्ति के सामने पहुंचते हैं, उनके चेहरे पर श्रद्धा और खुशी साफ दिखाई देती है। यही वजह है कि लालबागचा राजा को सिर्फ मुंबई का नहीं, बल्कि पूरे देश का गणपति माना जाता है।