Operation Sindoor Debate : संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर तीखी बहस जारी है। लोकसभा में आज चर्चा का दूसरा दिन है, जबकि राज्यसभा में यह बहस मंगलवार से शुरू हो चुकी है। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक सोची-समझी साजिश थी, जिसका मकसद भारत को हिंसा की आग में झोंकना और देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा, “मैं भारत का पक्ष रखने के लिए खड़ा हूं, और जो लोग इस पक्ष को देखने से इनकार करते हैं, उनके सामने सच्चाई का आईना लेकर खड़ा हूं।”
Live Operation Sindoor Debate
दुनिया में बज रहा भारत के एयर डिफेंस का डंका : PM मोदी
किसी भी देश ने भारत को नहीं रोका : पीएम मोदी
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत को दुनिया के किसी भी देश ने रोकने की कोशिश नहीं की। उन्होंने बताया कि सिर्फ तीन देशों ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिए, जबकि बाकी विश्व भारत के साथ खड़ा रहा। पीएम मोदी ने अफसोस जताते हुए कहा कि देश के वीर जवानों के शौर्य को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या जैसे गंभीर मुद्दे पर भी कांग्रेस ने राजनीति खोजने की कोशिश की।
लोकसभा में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधित करते हुए कहा कि यह विजय केवल एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि आतंक के अड्डों को ध्वस्त करने का उत्सव है। उन्होंने कहा, “यह ‘सिंदूर की सौगंध’ को निभाने का संकल्प है, यह हमारी सेना के पराक्रम और क्षमता का उत्सव है।” पीएम मोदी ने दो टूक कहा, “मैं यहां भारत की आवाज़ उठाने के लिए खड़ा हूं। और जो लोग भारत का पक्ष नहीं देख पाते, उनके सामने सच का आईना लेकर खड़ा हूं।”
‘टाइगर को पूरी फ्रीडम देनी पड़ती है’ – राहुल गांधी
“टाइगर से अगर आप पूरी ताक़त चाहते हैं, तो उसे आज़ादी देनी ही पड़ेगी। उसे बांधकर आप उसकी क्षमताओं को नहीं समझ सकते। अगर आप सेना से पूरा काम लेना चाहते हैं, तो दो बातें ज़रूरी हैं—पहली: आपके भीतर राजनीतिक इच्छाशक्ति (Political Will) होनी चाहिए। दूसरी: सेना को पूरी छूट (Full Freedom) देनी होगी। आधे मन से न तो आप फैसला ले सकते हैं और न ही देश की रक्षा की उम्मीद कर सकते हैं।”
खड़गे ने सरकार से किया तीखा सवाल
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि असल सवाल यह है कि सीजफायर की घोषणा आखिर की किसने और कहां से हुई? उन्होंने कहा कि ना तो हमारे प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की, ना ही विदेश मंत्री या रक्षा मंत्री ने कुछ कहा। बल्कि, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकवाया।
ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मारे गए आतंकी वही थे, जिन्होंने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में बर्बर हमला कर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक जांच से इस बात की पूरी पुष्टि हो चुकी है कि मारे गए तीनों आतंकी वही हैं। रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक और कठोर नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा, “इन आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया था। यह एक सुनियोजित और अमानवीय हमला था। भारत को तोड़ने के लिए सीमा पार से लगातार आतंक का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन अब भारत जवाब देना सीख चुका है।”राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का सूक्ष्म अध्ययन किया। रणनीति इस तरह बनाई गई कि केवल आतंकियों को निशाना बनाया जाए और आम नागरिकों को किसी तरह की क्षति न हो।
‘बयान बदलवाने से सच नहीं बदलता’
देश की जनता जानती है कि सुरक्षा के लिए सरकार जिम्मेदार है और उसे इसका जवाब देना चाहिए। जनता का यही सवाल है कि जब पहलगाम में पर्यटकों के साथ ऐसा सुलूक किया गया था उस दिन हमारी रक्षा क्यों हीं हुई। भाजपा बताए कि ऐसे बयान बदलवाने से सच नहीं बदलता।
‘जनता की भावनाओं का उठाया लाभ ‘
मुझे याद है कि जिस दिन पहलगाम हमला हुआ उस दिन वहां का हर पर्यटक पूछ रहा था। कि रक्षा के पल में आखिर वहां उन्हें कोई बचाने वाला क्यों नहीं था? जबकि सरकार ने जनता से वादा किया था कि भविष्य में कोई आतंकवादी हमला नहीं होगा। सबसे बड़ा सवाल है कि जनता की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? सरकार को ये ज़रूर बताना चाहे कि सरकार क्या कदम उठा रही है की भविष्य में ऐसी घटना फिर से न हो।
अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना
सरकार आखिर क्यों पीछे हट गई और क्यों सीज़ फायर का ऐलान करना पड़ा। जिस विषय पर मैं बोल रहा हूं वो विषय होना ही नहीं चाहिए। ये बात जनता के जीवन और सुरक्षा की है। हम सब को मिलकर इसे लेकर रणनीति बनानी चाहिए.
आतंकियों को वीज़ा देकर बुलाते थे
गृह मंत्री ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा कि “आप दावा करते हैं कि आतंकी देश में घुस आए, लेकिन आपके शासनकाल में तो उन्हें घुसने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी—आप तो वीजा देकर उन्हें आमंत्रित करते थे।” उन्होंने आगे कहा कि “जिसने पोटा जैसे कड़े कानून को खत्म किया, उसे प्रधानमंत्री मोदी की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति कैसे पसंद आएगी? मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ यानी शून्य सहनशीलता की नीति पर अडिग है और हम इस लड़ाई में जरूर जीत हासिल करेंगे।”
राहुल गांधी को दिया खुल्ला चैलेंज
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि साल 2005 से 2011 के दौरान देश में 27 बड़े आतंकी हमले हुए, जिनमें करीब 1000 लोगों की जान गई। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि इन हमलों के दौरान उसने क्या कदम उठाए? शाह ने आरोप लगाया कि 1986 से 2010 के बीच कांग्रेस सरकार के समय में दाऊद इब्राहिम से लेकर भटकल जैसे कई खतरनाक आतंकी फरार हो गए।
उन्होंने राहुल गांधी को सीधे तौर पर घेरते हुए कहा कि उन्हें सदन में खड़े होकर बताना चाहिए कि उनकी पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई की। सिर्फ डोजियर भेजने के अलावा और क्या किया गया? शाह ने यह भी कहा कि 2014 से 2024 तक के दस सालों में एक भी बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ और आज कश्मीर में नए आतंकी पैदा नहीं हो रहे हैं।
पाकिस्तान को लेकर नेहरू को ठहराया जिम्मेदार
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि अगर आज पीओके का मुद्दा और विवाद बना हुआ है, तो इसकी जड़ें पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किए गए एकतरफा युद्धविराम में हैं। उन्होंने कहा कि 1971 की जंग में भारत की जीत पर पूरा देश गर्व करता है, इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को 15 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र सौंप दिया और 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को भी रिहा कर दिया गया।
शाह ने आगे कहा कि 1962 में भारत ने चीन को 30,000 वर्ग किलोमीटर जमीन गंवाई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेहरू की नीतियों की वजह से चीन आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है जबकि भारत को इसका हिस्सा नहीं बनाया गया। अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल का नतीजा है—अगर 1947 में देश के बंटवारे को न माना गया होता, तो पाकिस्तान का अस्तित्व ही न होता।
अभी तो शुरु हुआ है
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “यह तो बस शुरुआत है। मैं पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी पूरी घटना की जानकारी देना चाहता हूं। मुझे उम्मीद थी कि रक्षा मंत्री के कल दिए गए बयान के बाद कांग्रेस पार्टी समर्थन में बोलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उल्टा विपक्ष ने कई सवाल उठाए।”
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उन्होंने बताया, “22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई। जैसे ही मुझे जानकारी मिली, मैं तुरंत श्रीनगर के लिए रवाना हो गया। उसी रात सुरक्षाबलों के साथ बैठक कर हमने आतंकियों को भागने से रोकने की रणनीति तैयार की।”
संसद में दिखी अमित शाजह की दहाड़
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ऑपरेशन महादेव भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त प्रयास से चलाया गया, जिसमें तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का ए-ग्रेड कमांडर सुलेमान उर्फ फैजल, ए-ग्रेड आतंकी अफगान और लश्कर का एक अन्य खतरनाक आतंकी जिब्रान शामिल थे। ये तीनों बैसारन घाटी में निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे। शाह ने कहा कि सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत और समन्वय के चलते यह सफलता हासिल हुई।