भोपाल ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बड़ा बयान देकर सनसनी मचा दी। उन्होंने डंके की चोट पर कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं शराब पीती हैं। सूबे की सरकार इस पर रोक लगाने में नाकयाब रही और हमारी बहनें नशे की लती हो गई हैं। जीतू पटवारी के इस बयान के बाद सीएम मोहन यादप और बीजपी महिला प्रदेश अध्यक्ष और महिला नेताओं ने इसे महिलाओं का अपमान बताकर कांग्रेस नेता पर तीखा हमला बोला है।
दरअसल, जीतू पटवारी मंगलवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मध्य प्रदेश में बीजेपी की नीतियों पर निशाना साध रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को तमगा मिला है कि प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। समृद्ध मध्य प्रदेश का सपना दिखाने वाली बीजेपी ने यह हालत कर दिए है, जितना ड्रग का कारोबार यहां होता है उतना दूसरे किसी राज्य में नहीं होता। मुख्यमंत्री ने यह प्रयास नहीं किए कि इससे निजात कैसे दिलाएं।
जीतू पटवारी राज्य की भाजपा बीजेपी पर नशा, बेरोजगारी और कुपोषण पर तीखा हमला किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जिस जगह को एक समय समृद्धि की धरती कहा जाता था, वह अब नशे में डूब चुकी है। पटवारी ने कहा, ‘हमारी बहनें, बेटियां नशा करने लगी हैं, लाडली बहना के नाम पर वोट तो ले लिए और मध्य प्रदेश में बहना ही सबसे ज्यादा नशा करती हैं। इस पर विचार करना चाहिए। अगर आपका बेटा बेरोजगार है और घर में नशे में आता है तो मैं 100 फीसदी कह सकता हूं कि इसके लिए बीजेपी, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव जिम्मेदार हैं।
जीतू पटवारी के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की लाडली बहनों को शराबी बताकर उनका घोर अपमान किया है। जनता इस अपमान का हिसाब लेगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति को ‘शराबी’ कहकर अपमानित किया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पटवारी का बयान न केवल मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी कुत्सित मानसिकता का एक अशोभनीय उदाहरण है।
केंद्र सरकार की तरफ से हर पांच साल के अंतराल पर कराए जाने वाले राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में शराब उपभोग के आंकड़े दिए जाते हैं। इसमें भारत में शराब उपभोग के आंकड़ों का सार दिया जाता है। निशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की सबसे ताजा रिपोर्ट एनएफएचएस-5 है। ये 2019-21 के बीच हुए सर्वेक्षण का ब्योरा मुहैया कराती है, उसके मुताबिक भारत में 15 साल से ज्यादा उम्र के 19 फीसदी पुरुष और महज 1.2 फीसदी महिलाएं ही शराब का उपभोग करती हैं। जिन राज्यों में महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं, उनमें अरुणाचल प्रदेश पहले स्थान पर है। इसके बाद सिक्किम का स्थान है।
रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जो महिलाएं शराब पीती हैं, उनमें 17 प्रतिशत लगभग हर दिन इसका सेवन करती हैं, जबकि 37 फीसदी इसे हर हफ्ते इसका सेवन करती हैं। एनएफएचएस-5 के आंकड़ों से साफ है कि मध्य प्रदेश में महिलाओं के शराब सेवन का आंकड़ा करीब एक फीसदी पर है। यानी सर्वे के मुताबिक, 100 महिलाओं में से औसतन सिर्फ एक महिला ही शराब का सेवन करती है। जबकि भारत के लिए यह आंकड़ा 1.3 फीसदी है। यानी महिलाओं के शराब उपभोग के मामले में मध्य प्रदेश का औसत देश के औसत से कम है।
राज्यों से तुलना की जाए तो महिलाओं के शराब उपभोग के मामले में मध्य प्रदेश 14वें स्थान पर आता है। यहां शहरी क्षेत्र में 0.5 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 1.2 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। 15-49 आयु वर्ग में मध्य प्रदेश में शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की संख्या महज 0.4 फीसदी है, वहीं पुरुषों की संख्या 20 प्रतिशत है। यानी इस आयु वर्ग में जहां 1000 में से चार महिलाएं शराब का सेवन करती है, वहीं हर 100 में से पांच पुरुष शराब का सेवन करते हैं। वहीं भारत में 2015-16 में महिलाओं में शराब सेवन का औसत आंकड़ा 1.2 प्रतिशत पर था। वहीं पुरुषों का आंकड़ा 29.2 फीसदी का था।
रिपोर्ट की मानें तो तकरीबन पांच साल के अंतराल में (2015-16 से 2019-21 के बीच) महिलाओं का शराब पीने का आंकड़ा 0.7 फीसदी पर आ गया। उधर, पुरुषों के शराब सेवन का आंकड़ा सात फीसदी तक घट गया। उधर मध्य प्रदेश की बात करें तो एनएफएचएस-4 में महिलाओं के शराब सेवन का आंकड़ा 1.6 फीसदी था। यानी एक हजार में से 16 महिलाएं शराब पीती थीं। शहरी क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत महिलाएं शराब उपभोग की बात मानती थीं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 2.1 प्रतिशत दर्ज हुआ।
एनएफएचएस-4 के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 15-49 आयु वर्ग की जो महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, उनमें से 16.9 प्रतिशत लगभग रोज इसका उपभोग करती थीं। वहीं, 41.2 प्रतिशत हफ्ते में एक बार और 42 प्रतिशत कई हफ्तों के अंतराल में शराब पीती थीं। यानी कुल मिलाकर 2015-16 के मुकाबले 2019-21 में मध्य प्रदेश में महिलाओं में शराब सेवन के आंकड़े में बड़ी कमी दर्ज की गई। ऐसे में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का बीजेपी के अलावा अन्य महिला संगठन घेर रहे हैं। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस महिला विरोधी पार्टी है। जीतू पटवारी ने गलत तत्य रखे और झूठ बोला। कांग्रेस को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।