Maharashtra Politics : कांग्रेस ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए थे। कांग्रेस की ओर से आरोप लगाए गए थे कि चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताएं की गई हैं, विशेषकर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे जाने को लेकर। इस पर चुनाव आयोग ने मंगलवार, 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को जवाब दिया और चुनावी प्रक्रिया के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की।
वोटर लिस्ट से हटाए गए 80,391 नाम
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 80,391 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए। कांग्रेस का कहना था कि औसतन 2,779 मतदाता एक विधानसभा क्षेत्र से हटाए गए हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए थे। इसके अलावा, कांग्रेस ने यह भी पूछा था कि क्या यह नाम हटाने की प्रक्रिया उचित तरीके से की गई थी या नहीं।
क्या आया चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के सवालों का विस्तार से जवाब दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने की पूरी प्रक्रिया कानूनी रूप से सही तरीके से की गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि नाम हटाए जाने के बाद, पहले नोटिस जारी किया गया और फिर फील्ड सर्वे किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन मतदाताओं की मृत्यु हो गई हो, उनका पता बदल गया हो या वे अब उस पते पर नहीं रहते हैं। इन तथ्यों की पुष्टि के बाद ही उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए थे।
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चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी को बहुत महत्व दिया जाता है। आयोग ने इस संदर्भ में कांग्रेस को करीब 60 उदाहरण दिए, जिनमें राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सार्थक भागीदारी को रेखांकित किया गया था। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि भारतीय चुनावी प्रक्रिया में यह भागीदारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।
कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला था
कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और कई आंकड़ों की मांग की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी शामिल थे, जिन्होंने चुनाव आयोग से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की थी। चुनाव आयोग ने इन सवालों का जवाब देकर यह स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सही तरीके से की गई है।