GST Reforms: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम का ऐलान, अब बन रहा हकीक़त, जीएसटी में कौन से बदलाव की हुई शुरुआत

सरकार जीएसटी को सरल बनाने की तैयारी में है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को टैक्स फ्री करने का सुझाव आया है। अगर यह लागू हुआ तो बीमा सस्ता होगा और लोगों को 18% टैक्स से राहत मिलेगी।

Major GST Reforms Initiative: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी सुधार (GST Reforms) की झलक दिखाई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जीएसटी सिस्टम को और आसान और लोगों के लिए फायदेमंद बनाया जाएगा। खासकर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बड़ा असर पड़ सकता है।

बीमा प्रीमियम हो सकता है टैक्स फ्री

जीएसटी काउंसिल के विशेष मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से पूरी तरह बाहर कर दिया जाए। अगर यह प्रस्ताव मान लिया जाता है तो लोगों को 18% जीएसटी से राहत मिलेगी। इसका मतलब होगा कि बीमा पॉलिसी खरीदने पर प्रीमियम सस्ता हो जाएगा और परिवार की सुरक्षा का खर्च हल्का पड़ेगा।

जीएसटी 2.0 की झलक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 का मकसद टैक्स सिस्टम को सरल और सबके लिए लाभकारी बनाना है। इस बदलाव का फायदा किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों को खास तौर पर मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इसे लोगों के लिए “दिवाली का तोहफा” बताया।

अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब

फिलहाल जीएसटी की चार दरें हैं। 5%, 12%, 18% और 28%। सरकार की योजना है कि इन्हें घटाकर सिर्फ दो दरें 5% और 18% रखी जाएं। वहीं, सिगरेट और लग्जरी कार जैसी वस्तुओं पर 40% टैक्स पहले की तरह लागू रहेगा।

राज्यों की चिंता

हालांकि, कुछ राज्यों ने इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर बीमा प्रीमियम टैक्स-फ्री कर दिया गया तो इसका फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगा या नहीं, यह तय करना जरूरी है। क्योंकि बीमा कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। मंत्री समूह ने इस पर ध्यान देते हुए कहा है कि कोई ऐसा तरीका निकाला जाएगा जिससे छूट का लाभ आम जनता तक पहुंच सके।

कब होगा फैसला?

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस छूट के पक्ष में सहमति बनी। अब मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट सितंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में सौंपेगा। परिषद में केंद्र और राज्यों के मंत्री मिलकर अंतिम फैसला लेंगे।

क्या होगा फायदा?

विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों से टैक्स सिस्टम आसान होगा, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। साथ ही आम लोगों को बीमा, जरूरी सामान और सेवाएं कम दामों पर मिलेंगी।

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