Madhya Pradesh news: यह कहानी दिल को छू जाने वाली है ये कहानी एक ऐसे इंसान की है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर एक लड़की की ज़िंदगी बचाई। यह घटना मध्यप्रदेश के भोजपुर की है, जहां एक बुजुर्ग किसान यदुनाथ ने अपनी निस्वार्थ मदद से एक लड़की की जान बचाई, और इसके बाद उनका परिवार और लड़की का जीवन पूरी तरह बदल गया।
यदुनाथ की निस्वार्थ मदद
एक दिन जब यदुनाथ अपने खेत में काम कर रहे थे, उन्हें बेतवा नदी से चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं। उन्होंने नदी में देखा और पाया कि एक लड़की डूब रही थी। यदुनाथ ने बिना किसी डर के बेतवा नदी में कूदकर उस लड़की को बचाया, हालांकि खुद को नदी की लहरों से बचा नहीं पाए। यह घटना उनकी बहादुरी और मानवता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
अंजली का दुख और पछतावा
लड़की का नाम अंजली तिवारी था, और उसने बाद में बताया कि घर में माँ से झगड़े के बाद उसने आत्महत्या करने के लिए नदी में कूदने का फैसला किया था। अंजली को यदुनाथ की मौत का जिम्मेदार मानते हुए बहुत दुख हुआ। वह खुद को इस हादसे के लिए दोषी मानने लगी और इसे कभी भूल नहीं पाई।
अंजली ने यदुनाथ के परिवार को सहारा दिया
कई साल बाद जब अंजली को बैंगलोर में एक अच्छी नौकरी मिली, तो उसने यदुनाथ की पत्नी और बेटे को अपनी मदद देने का फैसला किया। अंजली ने उन्हें बैंगलोर बुलाया और उनके लिए एक नया घर खरीदा। अब यदुनाथ के परिवार और अंजली का परिवार एक साथ रहते हैं, और रोहित, यदुनाथ का बेटा, मुंबई में काम करता है।
एक नई शुरुआत
यह पूरी कहानी इस बात का सबूत है कि कभी-कभी जीवन में ऐसा कुछ होता है, जो हमें पूरी तरह से बदल देता है। अंजली ने न केवल अपनी गलती का अहसास किया, बल्कि यदुनाथ के परिवार को पूरी तरह से सहारा दिया। आज वे सब एक साथ रहते हैं, और यह एक नई शुरुआत की तरह है। इंसानियत और मदद का असली मतलब यही है ,एक दूसरे का सहारा बनना।