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नए वित्त वर्ष में बदलने जा रहे है कई नियम, जानिए नए बदलाव आपकी जेब पर डालेंगे कितना असर

नए वित्त वर्ष में बदलने जा रहे है कई नियम, जानिए नए बदलाव आपकी जेब पर डालेंगे कितना असर

नई दिल्ली: एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2022-23 शुरू होने वाला है। इसके साथ ही सरकार पीएफ खाते पर टैक्स, डाकघर की बचत योजनाओं, म्यूचुअल फंड निवेश, जीएसटी, म्यूचुअल फंड निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रही है। पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए टैक्स छूट के नियम भी बदल रहे हैं। इन सभी बदलावों का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।

पीएफ खाते पर टैक्स
एक अप्रैल से मौजूदा पीएफ खाते को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिस पर टैक्स भी लगेगा। नियम के मुताबिक, पीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक के योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे ऊपर के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा।

जीएसटी ई-चालान
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने जीएसटी के तहत ई-चालान जारी करने के लिए टर्नओवर सीमा को घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है। पहले यह सीमा 50 करोड़ रुपये थी। जीएसटी का नया नियम एक अप्रैल से लागू हो रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर टैक्स
1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी पर भी लगाम लगाने की शुरुआत हो रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की थी। ऐसे में यदि निवेशक को क्रिप्टोकरेंसी बेचने पर लाभ होता है तो उसे सरकार को टैक्स देना होगा।

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए भुगतान चेक
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए भुगतान चेक, बैंक ड्राफ्ट या अन्य किसी भौतिक माध्यम से नहीं कर पाएंगे। म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (एमएफयू) 31 मार्च से चेक-डिमांड ड्राफ्ट से भुगतान सुविधा बंद कर रहा है। एक अप्रैल से म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने के लिए यूपीआई या नेटबैंकिंग से ही भुगतान करना होगा।

1 अप्रैल से दवाएं हो जाएंगी महंगी
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही दवाओं पर खर्च बढ़ जाएगा। 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है। इसमें पेरासिटामोल जैसी सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाली दवा भी शामिल है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने इन दवाओं के थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव को अपनी मंजूरी दे दी है।

डाकघर में नकद में ब्याज नहीं मिलेगा
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (MIS), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) या पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट में निवेश से जुड़े नियम भी बदलने जा रहे हैं। 1 अप्रैल से ब्याज राशि नकद में नहीं दी जाएगी। ग्राहकों को इसके लिए एक बचत खाता खोलना होगा।

मकान खरीदारों को झटका
पहली बार मकान खरीदने वालों को एक अप्रैल से 80ईईए का लाभ नहीं मिलेगा। बजट-2021 में इस धारा के तहत टैक्स छूट को 31 मार्च तक बढ़ाया गया था। इसके मुताबिक, मकान की कीमत 45 लाख से कम है तो होम लोन ब्याज भुगतान में 1.50 लाख तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। अब यह सुविधा नहीं मिलेगी।

एक्सिस बैंक और पीएनबी
एक्सिस बैंक ने बचत खाते में मिनिमम बैलेंस सीमा 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी है। बैंक ने निशुल्क नकद निकासी की निर्धारित सीमा को भी बदलकर चार बार या 1.5 लाख रुपये कर दिया है। उधर, पीएनबी 4 अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) नियम लागू कर रहा है। इसके तहत 10 लाख और इससे अधिक राशि के चेक के लिए सत्यापन जरूरी होगा।

पीएम किसान योजना में ई-केवाईसी कराने की छूट
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए देश के करोड़ों किसान 22 मई, 2022 तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। अभी इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च थी। किसान पोर्टल के जरिये ई-केवाईसी कर सकेंगे। इसके लिए राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इस योजना के तहत सरकार ने अब तक 10 बार किसानों के खाते में पैसा भेजा है। 11वीं किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते तक किसानों के खाते में आएगी। योजना के तहत सरकार किसानों को हर साल 6,000 रुपये की मदद देती है।

एनपीएस, म्यूचुअल फंड संबंधी बदलाव
राज्य कर्मचारी अपने एम्प्लॉयर के एनपीएस योगदान पर ज्यादा कटौती का दावा कर सकेंगे। दो साल बाद तक अपडेटेड आयकर रिटर्न भर सकेंगे।
कोरोना के इलाज के लिए मिली 10 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स नहीं लगेगा। म्यूचुअल फंड में निवेश सिर्फ यूपीआई या नेटबैंकिंग के जरिए ही हो सकेगा। 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को रिटर्न भरने से छूट।

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