Mohan Bhagwat Statement: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, भारत की जिम्मेदारी और हिंदू एकजुटता पर संघ प्रमुख का बड़ा बयान

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर खुलकर चिंता जताई। उन्होंने भारत की जिम्मेदारी, कूटनीति की सीमाएं और हिंदू एकता की जरूरत पर जोर देते हुए बड़ा संदेश दिया।

Mohan Bhagwat on Bangladesh Hindus

RSS chief Statement:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि दुनिया में हिंदुओं के लिए अगर कोई एकमात्र देश है, तो वह भारत है। ऐसे में भारत सरकार को उनकी चिंता करनी ही होगी और इस मुद्दे को गंभीरता से लेना पड़ेगा।

भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को कठिन बताते हुए कहा कि वहां वे अल्पसंख्यक हैं और कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा और सम्मान के लिए वहां के हिंदुओं को आपस में एकजुट रहना होगा। संघ प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि भारत अपनी सीमाओं के भीतर रहकर जितनी मदद कर सकता है, उतनी कर रहा है।

सरकार की भूमिका पर बड़ा संकेत

मोहन भागवत ने भारत सरकार की भूमिका को लेकर भी अहम बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय पर आंख बंद करके नहीं बैठी है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना ही होगा और कुछ न कुछ करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी इशारा किया कि संभव है सरकार पहले से ही इस दिशा में काम कर रही हो, लेकिन हर रणनीति को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

भागवत ने कूटनीति की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि कुछ बातें खुलकर बताई जाती हैं और कुछ बातें पर्दे के पीछे होती हैं। कई बार नतीजे तुरंत सामने आ जाते हैं, लेकिन कई बार असर दिखने में वक्त लगता है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ कर ही नहीं रहा।

मौजूदा माहौल में बयान का महत्व

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में TMC से सस्पेंड विधायक हुमायूं कबीर द्वारा प्रतीकात्मक रूप से बाबरी मस्जिद की नींव रखने की खबरें सामने आई थीं। ऐसे माहौल में भागवत का यह कहना कि “अगर हिंदू एकजुट हो जाएं, तो हालात बदल सकते हैं,” एक मजबूत संदेश माना जा रहा है।

उन्होंने न सिर्फ भारत के हिंदुओं से, बल्कि दुनिया भर में बसे हिंदुओं से भी अपील की कि वे बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की मदद के लिए आगे आएं और उनके समर्थन में खड़े हों।

विरोधियों पर सीधा जवाब

कोलकाता के साइंस सिटी सभागार में संघ के शताब्दी समारोह के दौरान बोलते हुए मोहन भागवत ने अपने आलोचकों को भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संघ का कोई दुश्मन नहीं है, लेकिन कुछ लोग अपने संकीर्ण स्वार्थ के चलते संघ के खिलाफ भ्रम फैलाते हैं। उनके मुताबिक, जिनकी “दुकानें बंद होने वाली होती हैं,” वही सबसे ज्यादा गलतफहमियां फैलाते हैं।

भागवत ने साफ किया कि उनका मकसद राजनीतिक सत्ता बदलना नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरा काम समाज को बदलना है। हम सामाजिक बदलाव के लिए काम करते हैं। जब समाज का चरित्र बदलेगा और वह संगठित होगा, तो राजनीति अपने आप बदल जाएगी।”

युवाओं को खास संदेश

संघ प्रमुख ने युवाओं से भी खास अपील की। उन्होंने कहा कि केवल सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा न करें, बल्कि सच्चाई को समझें और अपने अनुभव से सीखें। उनका कहना था कि जागरूक और सोचने वाला युवा ही समाज को सही दिशा दे सकता है।

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