Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
MONKEYPOX: 12 देशों में छाया मंकीपॉक्स का खतरा, WHO ने दी चेतावनी

Monkeypox: 12 देशों में छाया मंकीपॉक्स का खतरा, WHO ने दी चेतावनी

दुनिया में एक और  नई बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसका नाम है ‘मंकीपॉक्स’  दुनियाभर में मंकीपॉक्स के अब तक कुल 92 मरीज पाए जा चुके है. ये सारे केस यूके, यूरोपीय देश, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत 12 देशों में मिले हैं. भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के कोई केस नहीं मिले हैं लेकिन अब सोचने की बात यह है की दुनिया के 12 देशों में फैलने के बाद भारत में फैलने की कितनी आशंका है ? क्या यह दूसरी महामारी का कारण बन सकता है ?

मंकीपॉक्स पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) डब्ल्यूएचओ ने भी मंकीपॉक्स को लेकर चेतावनी दी है. WHO ने कहा, जिन देशों में यह संक्रमण नहीं फैला है, वहां मंकीपॉक्स के और अधिक मामले सामने आ सकते हैं. मंकीपॉक्स उन लोगों में फैल रहा है जो किन्हीं कारणों से फिजिकल कॉन्टैक्ट में आए हैं. 

डब्ल्यूएचओ के ऑफिसर डेविड हेमैन (David Heymann) ने कहा, ऐसा लग रहा है कि मंकीपॉक्स इंसानों में सेक्स के जरिए ज्यादा फैल रहा है और इस कारण दुनिया भर मे इसके मामले बढ़ रहे हैं. गे लोगों में इसका खतरा ज्यादा बताया जा रहा है.

David L. Heymann American epidemiologist (WHO)

WHO के मुताबिक, साउथ अफ्रीकन देशों में हर साल मंकीपॉक्स से हजारों लोग संक्रमित होते हैं. इसी के चलते भारत में केंद्र सरकार ने इसे लेकर ‘नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल’ और ‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ को अलर्ट रहने के लिए कहा है.

क्या है मंकीपॉक्स ?

मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान तो है लेकिन उससे कम गंभीर है. मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन से संबंधित है. 1958 में बंदरों में दो चेचक जैसी बीमारियों का पता लगा था, उनमें से ही एक मंकीपॉक्स था.

बिमारी के लक्षण:

मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों या संक्रमित मनुष्यों के शरीर से निकले फ्लूड (छींक, लार आदि) के संपर्क में आने से फैल सकता है. मंकीपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफी क्लोज कॉन्टेक्ट से फैलता है. यह वायरस किसी सर्फेस, बिस्तर, कपड़े या सांस के द्वारा अंदर जा सकता है. लेकिन त्वचा से त्वचा के संपर्क से इस वायरस से संक्रमण फैलाना सबसे असान है.

मंकीपॉक्स , चेचक की तुलना में हल्का होता है और इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, शरीर पर दाने और फ्लू जैसे होते हैं. ये लक्षण अपने आप ही 3 हफ्ते के अंदर चले जाते हैं. इसके अलावा मंकीपॉक्स शरीर में लिम्फ नोड्स या ग्रंथियों को भी बढ़ा देता है. मंकीपॉक्स के संपर्क में आए अधिकतर लोगों को केवल बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान का अनुभव हुआ है. अगर संक्रमण अधिक गंभीर होता है तो चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं जो धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैल सकते हैं.

बिमारी के लक्षण (FILE PHOTO)

बीमारी का क्या है बचाव:

वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों को अक्सर चेचक टीकों में से कुछ खुराक दी जाती हैं, क्योंकि अभी यही मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी दिखा है. इसके अलावा, साइंटिस्ट एंटीवायरल दवाएं बनाने में भी लगे हुए हैं. यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने सभी संदिग्ध मरीजों को अलग रखने और अधिक जोखिम वाले लोगों को चेचक के टीके लगाने की सिफारिश की है.

(By: ABHINAV SHUKLA)

Exit mobile version