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Electric Car में सफर करते वक्त क्यों आ रही चक्कर और मतली? Reports में कौन सी आई चौंकाने वाली बातें

इलेक्ट्रिक कारों की तकनीक कई लोगों को मोशन सिकनेस का शिकार बना रही है। खासकर रेजनरेटिव ब्रेकिंग और इंजन की शांत प्रकृति से शरीर और दिमाग का तालमेल बिगड़ता है, जिससे चक्कर और मतली महसूस होती है।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
July 2, 2025
in राष्ट्रीय
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Motion Sickness in Electric Vehicles रेजनरेटिव ब्रेकिंग और कंपन की वजह से इलेक्ट्रिक कारों में सफर करना कुछ लोगों के लिए बन रहा हैपरेशानी का कारण। 2024 की रिपोर्टों में सामने आई चौंकाने वाली बातें। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। साल 2024 में जितनी भी नई गाड़ियां बिकीं, उनमें से 22 फीसदी इलेक्ट्रिक कारें थीं। लोग इन्हें पर्यावरण के अनुकूल, शांत और फ्यूल की बचत करने वाला विकल्प मानते हैं। लेकिन अब एक नई समस्या सामने आ रही है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सफर करने पर कई लोग मोशन सिकनेस यानी जी मचलने, चक्कर आने या मतली जैसी परेशानी का अनुभव कर रहे हैं।

रेजनरेटिव ब्रेकिंग बन रही परेशानी की वजह

इस समस्या पर रिसर्च कर रहे फ्रांस के एक पीएचडी स्टूडेंट विलियम एडमंड का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों में रेजनरेटिव ब्रेकिंग के चलते यह दिक्कत बढ़ रही है। जब हम सफर करते हैं, तो हमारा दिमाग पहले से ही शरीर की हरकतों का अंदाजा लगाता है। लेकिन जब ब्रेक अचानक लगता है या स्पीड का मूवमेंट दिमाग के अनुमान से मेल नहीं खाता, तो शरीर और दिमाग के बीच तालमेल बिगड़ जाता है। इसी वजह से कई लोगों को चक्कर और जी मचलने जैसा अनुभव होता है।

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रेजनरेटिव ब्रेकिंग आखिर है क्या?

ये एक खास तकनीक है जिसमें जब गाड़ी की स्पीड घटती है, तो ब्रेकिंग के दौरान बैटरी में एनर्जी वापस स्टोर हो जाती है। इससे कार की रेंज यानी दूरी बढ़ जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया पारंपरिक ब्रेकिंग से अलग महसूस होती है और कई बार हल्के झटकों या अनचाहे कंपन की वजह से शरीर असहज महसूस करता है।
हालांकि, अच्छी बात यह है कि ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारों में यह फीचर ऑप्शनल होता है, यानी इसे ऑन या ऑफ किया जा सकता है।

शांत गाड़ियां, दिमाग के लिए उलझन

इलेक्ट्रिक कारों में इंजन की आवाज लगभग ना के बराबर होती है। वहीं पेट्रोल-डीजल गाड़ियों में इंजन की आवाज शरीर को पहले से यात्रा के लिए तैयार कर देती है। जब यह संकेत नहीं मिलता, तो दिमाग असमंजस में आ जाता है और असहजता बढ़ जाती है।

2024 की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ईवी की सीटों से आने वाला लो-फ्रिक्वेंसी वाइब्रेशन भी मोशन सिकनेस को बढ़ा सकता है। डेनमार्क में जब पुलिस वालों ने इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल किया, तो उन्हें भी सिर घूमने और उल्टी जैसी दिक्कत हुई।

सोशल मीडिया पर भी बढ़ीं शिकायतें

अब कई यात्री सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियां शेयर कर रहे हैं। कई वीडियो में लोग बता रहे हैं कि इलेक्ट्रिक कारों में बैठते ही उन्हें चक्कर, सिर दर्द या मतली जैसी दिक्कत होती है। इसकी वजह से कुछ लोग इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने से भी हिचकिचा रहे हैं।

Tags: Electric Vehicles HealthEV Motion Sickness
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