IAS Niaz Khan: मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी नियाज खान ने X पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा है कि इस्लाम तो अरब से आया है, यहां तो सभी हिंदू थे। हिंदू से लोग मुस्लिम बनाए गए थे। जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं वे पुनर्विचार करें। सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई मानें बाद में अरब को, अरब को अपना आका मानना बंद करे। बताया जा रहा है, कि नियाज खान की ब्राम्हणों पर लिखी किताब अभी चर्चा में है। आईएएस ने ब्राम्हणों के समर्थन में किताब लिखी है, उन्होंने कहा कि, अगर ब्राह्मणों को उचित उच्च स्थानों पर बैठाया जाए तो देश फिर से अपना वैभवशाली इतिहास दोहरा सकेगा।
मौलाना शहाबुद्दीन बोले ज्यादातर कन्वर्टेड मुसलमान
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने उसका समर्थन करते हुए कहा कि उनके बयान को समझने की जरूरत है उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत में ज्यादातर मुसलमान कन्वर्टेड मुस्लिम है, क्योंकि अरब देश से कुछ मुसलमान आए थे और वह जब भारत में आए तो उन्होंने ऊंच नीच का फासला खत्म किया।
लोगों ने अपनाया मुस्लिम धर्म
ऊंच नीच का फासला खत्म करने की वजह से जिससे प्रवाहित होकर हिंदुओं ने बुद्धिस्ट ने और अन्य धर्म के लोगों ने प्रभावितों के मुस्लिम धर्म को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि उनके वक्तव्य को समझने की जरूरत है ना कि विवादित बयान समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म में दरअसल लोगों के बीच में फासले को घटाकर लोगों को एक मुकाम और इज्जत देने का काम किया था। जिससे प्रभावित होकर लोगों ने मुस्लिम धर्म स्वीकार करते हुए उसको अपनाया था। साथ ही उन्होने ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हर मुस्लिम अरब कंट्री को अपना आका समझता है।
अरब में पैगबरे इस्लाम की पैदाइश हुई
मध्य प्रदेश के IAS Niaz Khan ने जो पोस्ट की है तो उसमें वो कहना ये चाहते हैं कि ये अरब से आया हुआ मजहब है। बेशक मजहबे इस्लाम जो हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है, वो अरब से आया हुआ मजहब है। अरब में पैगबरे इस्लाम की पैदाइश हुई और उन्होंने तबलीफ की प्रचार प्रसार किया। उनके जो अनुयायी शहाबा पूरी दुनिया में फैले और फैलने के बाद में जहां जहां गए उन्होंने वहां इस्लाम की तबलीफ की प्रचार किया।
ऊंच नीच को इस्लाम ने खत्म किया
जिसकी वजह से प्रभावित होकर मुतासिर होकर बहुत सारे लोगों ने इस्लाम कबूल किया। इसके अलावा हिंदुस्तान की मैं बात करूं तो हिंदुस्तान में मसाबात यानी बराबरी का दर्जा लोगों में नहीं था। ऊंच नीच बहुत थी, कोई कुर्सी बैठता था तो बहुत सारे लोगों को जमीन पे बिठाना वो पसंद करता था। तो ये उच्च नीच को इस्लाम ने खत्म किया और बराबरी का दर्जा दिया। तो इससे यहां पर बहुत सारे जो गैर मुस्लिम थे वो कॉनवर्ट हुए और उन्होंने इस्लाम कबूल किया। तो हिंदुस्तान में जो बड़ी तादाद है वो यही के लोगों की है जो कन्वर्टेड मुसलमान हैं।
हिंदुस्तान के लोग कनवर्ट होकर मुसलमान बने
साथ ही IAS Niaz Khan ने कहा कि ये अरब से नहीं आए थे। ये सब लोग यहीं के हैं। अरब से आने वालों लोगों की जो तादाद है वो बड़ी मुक्तसर सी तादाद है और ये कैसे मुमकिन हो सकता है की करोड़ की तादाद में अरब से लोग भारत आ जाए तो इस हकीकत को समझना चाहिए कि यहां जो मुसलमान हैं वो कन्वर्टेड मुसलमान हैं। उन्होंने मजहब तब्दील किया है और पहले ये हिंदू थे या बुद्धिस्ट थे या गैर मुस्लिम थे। तो जब इस्लाम कबूल किया बड़ी तादाद में यहां पर सूफिया ने इस्लाम की तबलील की प्रचार प्रसार किया। इसी वजह से यहां पर इस्लाम फला फूला और बड़ी तादाद में यहां मुसलमानों की आज आबादी है और और आज भी इस्लाम की तबलील का काम चल रहा है।
IAS Niaz Khan ने आगे कहा कि अरब के लोगों को आका ना माने, तो मैं ये बताना चाहता हुं कि कोई भी मुसलमान अरब के लोगों को आका नहीं मानता। बल्कि हमारे पास उसूल है। इस्लाम का जो उसूल है कुरान और हदीस, हिंदुस्तान का मुसलमान और पूरी दुनिया का मुसलमान कुरान और हदीस पर अमल करता है।