Zepto Store : मुंबई के धारावी इलाके में स्थित ज़ेप्टो (Zepto) के डार्क स्टोर पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की छापेमारी के बाद, खाद्य सुरक्षा में गंभीर खामियों के चलते कंपनी का फूड लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इस कार्रवाई की पुष्टि खुद एफडीए द्वारा की गई है।
एफडीए के मुताबिक, किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Zepto) का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। यह कदम महाराष्ट्र राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री योगेश कदम के निर्देश पर उठाया गया। जांच का नेतृत्व खाद्य सुरक्षा अधिकारी राम बोडके ने संयुक्त आयुक्त (खाद्य) मंगेश माने के मार्गदर्शन में किया।
निरीक्षण में पाई गई गंभीर खामियां
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कुछ खाद्य उत्पादों पर फफूंद जमा पाया गया।
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कई सामान स्थिर या गंदे पानी के निकट रखे गए थे, जो खराब स्वच्छता का संकेत है।
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कोल्ड स्टोरेज का तापमान तय मानकों के अनुरूप नहीं था।
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खाद्य पदार्थों का बेतरतीब भंडारण, जिनमें से कुछ गीले और गंदे फर्श पर सीधे रखे गए थे।
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एक्सपायरी डेट वाले उत्पादों को ताजे स्टॉक से अलग करके नहीं रखा गया था।
इन सभी उल्लंघनों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और संबंधित नियमों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए, सहायक आयुक्त (खाद्य) अनुपमा बालासाहेब पाटिल ने धारा 32(3) के तहत कंपनी का लाइसेंस निलंबित करने का आदेश जारी किया। यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा जब तक प्रतिष्ठान पूरी तरह से नियामकीय मापदंडों का पालन नहीं कर लेता और सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त नहीं कर लेता।
ज़ेप्टो का बयान
लाइसेंस निलंबन पर ज़ेप्टो की ओर से बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी ने खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने हेतु आंतरिक समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है। ज़ेप्टो का दावा है कि वे एफडीए के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और पहचानी गई खामियों को जल्द सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ज़ेप्टो ने यह भी स्पष्ट किया कि वे उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम और सुरक्षित उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए अपनी संचालन प्रणाली को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। कंपनी जल्द से जल्द नियामक आवश्यकताओं का पालन कर संचालन फिर से शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।
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अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई
एफडीए की कार्रवाई सिर्फ धारावी तक सीमित नहीं रही। ग्रेटर मुंबई ज़ोन-8 के अंतर्गत एफडीए की टीम ने घाटकोपर (पश्चिम) स्थित “खुशी ट्रेडिंग” नामक प्रतिष्ठान पर भी औचक निरीक्षण किया। यह प्रतिष्ठान बिना वैध FSSAI लाइसेंस के संचालित हो रहा था और इसकी हालत अत्यंत खराब पाई गई। यह खाद्य सुरक्षा मानकों के सख्त उल्लंघन का मामला था। मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा आयुक्त राजेश नार्वेकर (आईएएस) के नेतृत्व में एफडीए ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी खाद्य व्यवसायों को नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।