मुंबई में कबूतरखाने पर रोक बरकरार, हाईकोर्ट ने BMC की याचिका खारिज की

मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर लगे प्रतिबंध को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी रखने का फैसला किया है। अदालत ने साफ किया कि फिलहाल कबूतरखाने बंद ही रहेंगे। साथ ही कोर्ट ने मुंबई नगर निगम को निर्देश दिया है कि इस मुद्दे पर आम जनता से सुझाव मांगे जाएं, ताकि भविष्य में जनहित को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस निर्णय लिया जा सके। हालांकि, BMC ने अस्थायी रूप से कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

Mumbai Pigeon Case

Mumbai Pigeon Case : मुंबई में कबूतरों को दाना डालने और कबूतरखानों को लेकर चल रहा विवाद अब भी थमा नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना पुराना फैसला दोहराते हुए साफ किया है कि फिलहाल कबूतरखानों पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। अदालत ने मुंबई नगर निगम से यह भी कहा है कि वे इस विषय में आम जनता की राय लें और जनहित को ध्यान में रखकर आगे कोई फैसला लें। यह मामला तब सामने आया जब नगर निगम ने कोर्ट से निवेदन किया कि उन्हें हर दिन शाम 6 से 8 बजे तक कबूतरों को दाना डालने की अनुमति दी जाए। इससे पहले कुछ नागरिकों और वकीलों ने महालक्ष्मी रेसकोर्स में कबूतरों को दाना डालने के लिए विशेष स्थान तय करने की भी मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने इन सभी अनुरोधों को ठुकरा दिया।

नगर निगम का तर्क था कि वे कुछ नियमों के तहत और सीमित समय में कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने को तैयार हैं, जिससे जनस्वास्थ्य को कोई खतरा न हो। वहीं, सरकार ने भी कोर्ट में भरोसा दिलाया कि नागरिकों की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए कोई ऐसा रास्ता निकाला जाएगा जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता से समझौता न हो।

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मुद्दे में दखल देने से इनकार कर चुका है, जिसके बाद यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा था। अब कोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर फिर से सुनवाई तय की है, और तब तक प्रतिबंध यथावत रहेगा। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अंतिम फैसला लोगों की भागीदारी और सार्वजनिक राय के आधार पर लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम को एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर आम जनता से प्रतिक्रिया प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है।

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