72 घंटे का वर्क वीक: चीन के ‘9-9-6’ नियम का ज़िक्र कर नारायणमूर्ति ने फिर छेड़ी बहस

Narayana Murthy ने अपनी बात को साबित करने के लिए चीन की आईटी कंपनियों में प्रचलित रहे 9-9-6 नियम का हवाला दिया, जिसका शाब्दिक अर्थ है 9am से 9pm तक, 6 दिन प्रति सप्ताह काम करना, जो कुल 72 घंटे बैठता है।

Narayana Murthy

Narayana Murthy 9-9-6 Rule: भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति (NR Narayana Murthy) ने एक बार फिर सप्ताह में काम के घंटों को लेकर बड़ा सुझाव देकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छेड़ दी है। पिछले साल 70 घंटे के वर्क वीक की वकालत करने के बाद, उन्होंने अब युवाओं को सप्ताह में 72 घंटे काम करने का सुझाव दिया है। अपनी इस सलाह के पक्ष में तर्क देते हुए, 79 वर्षीय मूर्ति ने चीन में प्रचलित रहे विवादास्पद 9-9-6 नियम का उदाहरण दिया, जिसका अर्थ है सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, सप्ताह में 6 दिन काम करना।

उनका मानना है कि कोई भी देश, समुदाय या व्यक्ति बिना कड़ी मेहनत के आगे नहीं बढ़ सकता, और भारत के युवाओं को राष्ट्र की प्रगति के लिए शुरुआत में अपनी जीवनशैली में संतुलन की चिंता करने से पहले उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मूर्ति ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सप्ताह में 100 घंटे काम करते हैं, जो युवाओं के लिए एक उदाहरण है।

कार्य-जीवन संतुलन बनाम राष्ट्र निर्माण

Narayana Murthy ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैटामारन के कर्मचारी जब चीन गए थे, तो उन्होंने टियर-1, टियर-2 और टियर-3 शहरों में यह संस्कृति प्रचलित पाई थी। उनका जोर इस बात पर है कि जीवन को बेहतर बनाने के लिए पहले कड़ी मेहनत करनी चाहिए, और बाद में वर्क-लाइफ बैलेंस की चिंता करनी चाहिए। यह बयान उनकी पिछली 70 घंटे की टिप्पणी की तरह ही विभाजनकारी साबित हुआ है।

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ और आलोचना

Narayana Murthy के इस सुझाव ने सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का तूफ़ान खड़ा कर दिया है। कई यूज़र्स ने इस विचार की तुलना ‘आधुनिक गुलामी’ से की है और इसे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के श्रम अधिनियम (Labor Act) का उल्लंघन बताया है। आलोचकों का कहना है कि 72 घंटे के वर्क वीक की वकालत करने से पहले चीन के समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा, और बुनियादी ढाँचे पर विचार किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि भारत में लोग पहले से ही आर्थिक तंगी में हैं और काम के घंटों को बढ़ाने से थकान, तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ेंगी, जिससे अंततः उत्पादकता कम होगी।

चीन सरकार ने क्यों किया था इसे गैरकानूनी घोषित?

यह जानना महत्वपूर्ण है कि जिस 9-9-6 वर्क कल्चर का उल्लेख नारायणमूर्ति ने किया है, उसे खुद चीनी सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर दिया था। चीन के सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने 2021 में इस प्रणाली को चीन के श्रम कानून का गंभीर उल्लंघन माना था। इस कदम की वजह कर्मचारियों में बड़े पैमाने पर थकान, खराब मानसिक स्वास्थ्य और वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी थी। चीनी सरकार ने कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस प्रणाली को अमान्य करार दिया था। यह नियम चीन की कुछ आईटी कंपनियों जैसे अलीबाबा में भी प्रचलित रहा है।

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