Pollution Control Day: बढ़ते वायु प्रदूषण, स्वास्थ्य जोखिम और चुनौतियों के बीच, राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्यों मनाया जाता है

भारत में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। 2 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की याद में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों में जागरूकता बढ़ सके।

National Pollution Control Day India Air

National Pollution Control Day Celebrated: भारत में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है और खासकर दिल्ली जैसे बड़े शहरों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में हवा की स्थिति लगातार बिगड़ती गई है। जनसंख्या, तेजी से बढ़ता ट्रैफिक, निर्माण गतिविधियां और औद्योगिक धुआं हवा को और जहरीला बना रहे हैं, जिससे साफ हवा में सांस लेना कठिन होता जा रहा है।

हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद में मनाया जाता है, ताकि ऐसी किसी भी बड़ी दुर्घटना से भविष्य में बचा जा सके। इसके बावजूद, भारत में वायु प्रदूषण कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि पिछले 10 वर्षों में प्रदूषण कैसे बढ़ा है और आगे क्या स्थिति हो सकती है।

पिछले 10 सालों में वायु प्रदूषण की स्थिति

आज के हालात बताते हैं कि पिछले दस सालों में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं बल्कि गिरावट आई है।

IQAir की 2024–25 रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में ऊपर है।

2024 में दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से छह भारत के थे।

एक रिपोर्ट ने बताया कि 2024 में भारत में PM2.5 का स्तर फिर बढ़ गया है, जो हवा को सबसे ज्यादा जहरीला बनाता है।

2023 की एक स्टडी में कहा गया कि 46% भारतीय ऐसी जगह रहते हैं जहां प्रदूषण राष्ट्रीय मानकों से काफी ऊपर है।

सीएसई की किताब “सांसों का आपातकाल” के अनुसार पिछले 10 वर्षों में वायु प्रदूषण से लगभग 38 लाख लोगों की जान गई है।

2021 से 2024 तक सभी 11 बड़े शहरों में PM10 स्तर लगातार तय सीमा से अधिक रहा।

स्वास्थ्य पर प्रदूषण का असर

एक हालिया अध्ययन कहता है कि अगर भारत WHO के मानकों तक प्रदूषण नहीं घटाता, तो एक आम नागरिक की उम्र 3.5 से 5.2 साल तक कम हो सकती है।

2024–25 में दिल्ली में कई दिनों तक PM2.5 और PM10 की मात्रा सुरक्षित सीमा से कई गुना ऊपर दर्ज की गई।

सांस, दिल और फेफड़ों की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं।

हर साल हजारों लोग खराब हवा के कारण गंभीर बीमारियों का शिकार बनते हैं।

सुधार क्यों नहीं हो रहा?

लगातार बढ़ता ट्रैफिक

फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं

मौसम और जलवायु में बदलाव

कूड़ा-कचरा जलाना

लोगों में जागरूकता की कमी

आने वाले वर्षों में क्या करना होगा?

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना

उद्योगों पर सख्त नियम लागू करना

ज्यादा पेड़ लगाना और हरियाली बढ़ाना

घर और आसपास की धूल को साफ रखना

जरूरत के अनुसार मास्क पहनना

पर्यावरण को लेकर खुद भी जागरूक होना

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2025 की थीम

इस साल की थीम है। “हरित भविष्य के लिए सही जीवन” (Sustainable Living for a Greener Future)।
यह संदेश देता है कि पर्यावरण को सुधारने की शुरुआत हमारे रोजमर्रा के छोटे-छोटे फैसलों से होती है।

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