NCERT syllabus: NCERT की नई किताबें, नया नजरिया, अब बच्चों को पढ़ाएंगी भारतीयता, संगीत और संविधान की गहराई

एनसीईआरटी की नई किताबें अब पढ़ाई के साथ बच्चों को भारतीय संगीत, संस्कृति और संविधान से जोड़ेंगी। इसमें बच्चों को सुरक्षा, विविधता और मूल्यों की शिक्षा मिलेगी, जिससे वे एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

NCERT syllabus: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अब पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए जो नई पाठ्य पुस्तकें तैयार की हैं, उनमें सिर्फ विषयों का ज्ञान नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा, संगीत और संवैधानिक मूल्यों का भी समावेश किया गया है। ये किताबें नई शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार बनाई गई हैं।इन किताबों का मकसद बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर उन्हें भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश से भी जोड़ना है। इनमें लैंगिक समानता, डिजिटल कौशल, पर्यावरण संरक्षण और भारतीय ज्ञान प्रणाली जैसी बातों पर भी ज़ोर दिया गया है।

किताबों के नाम भारतीय संगीत से प्रेरित

कक्षा 1 से 5 तक की भाषा की किताबों के नाम भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हैं, जैसे

कक्षा 1-2

हिंदी: सारंगी

अंग्रेज़ी: मृदंग

उर्दू: शहनाई

कक्षा 3-5

हिंदी: वीणा

अंग्रेज़ी: संतूर

उर्दू: सितार

 

कक्षा 6 से 8 तक किताबों के नाम भारतीय शास्त्रीय रागों पर रखे गए हैं।

हिंदी: मल्हार

अंग्रेज़ी: पूर्वी

उर्दू: ख्याल

संस्कृत: दीपकम

इसका मकसद है कि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संगीत और परंपरा से भी जुड़ें।

किताबों में संविधान की प्रस्तावना भी

आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि एनसीईआरटी की सभी नई पाठ्य पुस्तकों की शुरुआत में भारतीय संविधान की प्रस्तावना दी गई है। इससे बच्चों में संवैधानिक मूल्यों की समझ छोटे उम्र से ही विकसित होगी और वे देश के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को जान सकेंगे।

पहली कक्षा से बच्चों को ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ की जानकारी

बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब पहली कक्षा से ही उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर और पॉक्सो एक्ट की भी जानकारी दी जाएगी। ये जानकारी शिक्षकों और अभिभावकों के साथ चर्चा के रूप में दी जाएगी ताकि बच्चे खुलकर अपनी बात कह सकें।

भारतीयता का एहसास हर किताब में

यह पहली बार है जब नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति और विविधता को इतनी अहमियत दी गई है। किताबों में अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, खानपान, पहनावा, भाषा, और परंपराओं को शामिल किया गया है। साथ ही ‘सर’ और ‘मैडम’ जैसे शब्दों की जगह ‘अध्यापक’ और ‘अध्यापिका’ जैसे आम बोलचाल के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।

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चौथी कक्षा में पांच विषय होंगे जरूरी

शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 4 में छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू में से दो भाषाएं पढ़नी होंगी। इसके साथ गणित, पर्यावरण, और योग या फिजिकल एजुकेशन अनिवार्य होगा। हर पाठ के अंत में एक्टिविटी कॉर्नर होंगे, जिससे छात्र क्या समझे, इसका आकलन आसानी से किया जा सकेगा।

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