नई दिल्ली : आज द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद का नामांकन दाखिल कर दिया है. इस मौके पर पीएम मोदी और अमित शाह समेत NDA के कई बड़े नेता मौजूद थे. आपको बता दे कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होंगे. द्रौपदी मुर्मू एक प्रमुख राजनीतिक दल या गठबंधन की ओडिशा से पहली राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं. उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल के रूप में कार्य किया है.

NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. मुर्मू के समर्थन में संसद भवन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए कल पार्टी विधायकों व सांसदों की बैठक बुलाई है. वहीं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन कर सकते हैं.
ओडिशा के एक पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गरीब आदिवासी परिवार से आने वाली द्रौपदी मुर्मू ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में पढ़ाया. वहीं अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रायरंगपुर NAC के उपाध्यक्ष के रूप में की थी. द्रौपदी मुर्मू 2000 और 2004 के बीच रायरंगपुर से ओडिशा विधानसभा की सदस्य थीं. एक मंत्री के रूप में उन्होंने परिवहन और वाणिज्य, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों का कार्यभार संभाला. उन्होंने 2004 से 2009 तक ओडिशा विधानसभा में फिर से विधायक के रूप में कार्य किया.
2007 में ओडिशा विधानसभा ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया. उन्होंने 1979 और 1983 के बीच सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में कार्य किया. उन्होंने भाजपा में कई संगठनात्मक पदों पर कार्य किया है और 1997 में राज्य एसटी मोर्चा की उपाध्यक्ष थीं. 2010 और 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिला प्रमुख के रूप में कार्य किया. 2006 और 2009 के बीच वह ओडिशा में भाजपा के ST मोर्चा की प्रमुख थीं. वह 2002 से 2009 तक भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं. भारत के अगले राष्ट्रपति के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा जबकि मतगणना 21 जुलाई को होगी.