Aadhar Card biometric update: आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। इसका उपयोग बैंक खाता खोलने, सिम कार्ड लेने, स्कूल-कॉलेज में दाखिला लेने और कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किया जाता है। लेकिन कई लोगों को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, खासकर जब उनके फिंगरप्रिंट ठीक से स्कैन नहीं हो पाते।
अब सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें उन विशेष परिस्थितियों वाले लोगों के लिए नई प्रक्रियाएं तय की गई हैं, जिनकी उंगलियां किसी कारणवश स्कैन नहीं हो पातीं या जिनकी आंखों के आईरिस बायोमेट्रिक्स उपलब्ध नहीं हैं। इन नए नियमों के तहत अब हर व्यक्ति आधार के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेगा और अपनी विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त कर सकेगा।
आईरिस स्कैनिंग का विकल्प
जिन लोगों के फिंगरप्रिंट किसी कारण से स्कैन नहीं हो पाते, उनके लिए आईरिस स्कैनिंग एक बेहतर विकल्प के रूप में दिया गया है। अब ऐसे व्यक्ति अपनी आंखों की पुतलियों (आईरिस) को स्कैन करवाकर आधार कार्ड के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। यह एक सुरक्षित और विश्वसनीय बायोमेट्रिक विकल्प है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
जब दोनों बायोमेट्रिक्स उपलब्ध न हों
कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो न तो फिंगरप्रिंट दे सकते हैं और न ही उनकी आईरिस स्कैनिंग संभव होती है। ऐसे मामलों में सरकार ने एक विशेष अपवाद प्रक्रिया (Exceptional Enrollment Process) लागू की है। इस प्रक्रिया के तहत यदि व्यक्ति कोई भी बायोमेट्रिक जानकारी नहीं दे सकता, तो उसका आधार कार्ड उसकी फोटो और अन्य पहचान प्रमाणों के आधार पर जारी किया जाएगा।
विशेष नामांकन प्रक्रिया
जिन मामलों में व्यक्ति के पास कोई भी बायोमेट्रिक डेटा उपलब्ध नहीं होता, उनके लिए सरकार ने असाधारण नामांकन प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत व्यक्ति के व्यक्तिगत विवरण सिस्टम में दर्ज किए जाएंगे और उसके बायोमेट्रिक डेटा की अनुपलब्धता को नोट किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर नागरिक को आधार कार्ड प्राप्त हो सके, चाहे उसके बायोमेट्रिक्स उपलब्ध हों या नहीं।
सरकार के नए नियम उन लोगों के लिए एक राहत हैं, जिन्हें बायोमेट्रिक स्कैनिंग में दिक्कत होती थी। अब आईरिस स्कैनिंग का विकल्प और विशेष नामांकन प्रक्रिया से हर व्यक्ति को आधार कार्ड मिल सकेगा। यह बदलाव आधार प्रणाली को और अधिक समावेशी और सुविधाजनक बनाएगा, जिससे कोई भी भारतीय नागरिक अपनी पहचान से वंचित नहीं रहेगा।