New Delhi (आईएएनएस)। भारत सरकार ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर गहरी चिंता व्यक्त की है जिसमें उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) द्वारा भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित करने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 21 फरवरी 2025 को एक प्रेस ब्रीफिंग में इसे “बेहद परेशान करने वाली बात” करार देते हुए कहा कि यह भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की आशंकाओं को जन्म देता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, “हमने अमेरिकी प्रशासन की ओर से यूएसएआईडी की कुछ गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।”
जायसवाल ने कहा, “संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उम्मीद है कि हम (New Delhi) बाद में इस पर कोई अपडेट दे पाएंगे।” अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढा़ने के लिए यूएसएआईडी के माध्यम से 21 मिलियन डॉलर खर्च करने के पीछे बाइडेन प्रशासन की मंशा पर बार-बार सवाल उठाए हैं।
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ट्रंप ने गुरुवार को मियामी में भारतीय समयानुसार एफआईआई प्राथमिकता शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा, “हमें भारत में मतदान पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की क्या ज़रूरत है? मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार को बताना होगा… यह एक बड़ी सफलता है।”
इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) के उस कदम का समर्थन किया था, जिसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द करने का फैसला किया गया।
ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो निवास पर बोलते हुए टिप्पणी की, “हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज़्यादा पैसा है। वे हमारे हिसाब (New Delhi) से दुनिया में सबसे ज्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं; हम शायद ही वहां प्रवेश कर पाएं, क्योंकि उनके टैफिक अधिक हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर देना? वो भी भारत में? यहां के मतदान के बारे में क्या?”