Agricultural land conversion rules–अब अगर आप खेती की जमीन पर घर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो ये काम पहले से ज्यादा मुश्किल हो सकता है। सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं, जिससे बिना अनुमति घर या कोई भी दूसरा निर्माण करना आसान नहीं रहेगा। अगर आप ऐसा करते हैं तो कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। ये नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि खेती की जमीन का सही इस्तेमाल हो सके और अवैध निर्माण पर रोक लगाई जा सके।
छोटे शहरों में बढ़ रही है जमीन की मांग
बड़े शहरों में जमीन की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में लोग छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में जमीन खरीदने के लिए भाग रहे हैं। लोग इन जमीनों का इस्तेमाल सिर्फ घर बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए भी कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि खेती की जमीन पर सीधे घर नहीं बनाया जा सकता? इसके लिए पहले जमीन का कनवर्जन (Conversion) करवाना जरूरी होता है।
क्या है जमीन कनवर्जन
कनवर्जन का मतलब है कि खेती की जमीन को गैर-कृषि भूमि में बदलना। बिना कनवर्जन के आप खेती की जमीन पर घर, दुकान या कोई भी दूसरी बिल्डिंग नहीं बना सकते।
कुछ राज्यों में कनवर्जन के नियम
उत्तर प्रदेश, 2014 में ‘जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम’ में बदलाव किया गया, जिससे डेवलपर्स को जमीन खरीदकर घर बनाने की छूट मिल सके।
कर्नाटक, 2022 में ‘कर्नाटक भूमि राजस्व अधिनियम’ की धारा 95 में बदलाव किया गया। अब खरीदार को खुद घोषणा करनी होगी, और तीन दिनों के अंदर जमीन बदलने की मंजूरी मिल जाएगी।
राजस्थान, 2,500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन के लिए तहसीलदार से अनुमति लेनी होगी। 10,000 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट के लिए राज्य सरकार या कलेक्टर से इजाजत लेनी पड़ती है।
महाराष्ट्र, यहाँ खेती की जमीन को बदलने के लिए जिला प्रशासन से मंजूरी लेनी होती है।
कनवर्जन की प्रक्रिया कैसे होती है
हर राज्य में जमीन बदलने के नियम अलग अलग होते हैं। आपको अपने राज्य के राजस्व विभाग या प्लानिंग अथॉरिटी से संपर्क करना होगा। अगर जमीन का प्लॉट बड़ा है, तो टैक्स विभाग या योजना अधिकारी से भी बात करनी होगी।
अगर आप उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान या महाराष्ट्र में रहते हैं, तो आपको अपने इलाके की राजस्व एजेंसी से संपर्क करना होगा। राजस्थान में 2,500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन के लिए तहसीलदार की मंजूरी लेनी पड़ती है। अगर जमीन का टुकड़ा 10,000 वर्ग मीटर से बड़ा है, तो राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी होगी।
कनवर्जन के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर आप खेती की जमीन को गैर-कृषि भूमि में बदलना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी कागजात तैयार रखने होंगे
मालिक की पहचान (आधार, पैन कार्ड)
जमीन का मालिकाना हक, किराया और कृषि रिकॉर्ड
सेल डीड और म्यूटेशन डीड
अगर जमीन गिफ्ट में मिली है तो गिफ्ट डीड
न्यू इनकंबरेंस सर्टिफिकेट (NEC)
ग्राम पंचायत या नगर निगम से एनओसी
जमीन का 7/12 कागज
सर्वे मैप और भूमि उपयोग प्रस्ताव
पानी की उपलब्धता का सर्टिफिकेट
जमीन अधिग्रहण की रसीद
जमीन खरीदने से पहले ध्यान दें
अगर आप खेती की जमीन खरीदना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए
कागजात चेक करे
यह देखें कि जमीन किसके नाम पर रजिस्टर्ड है। अगर पहले से कोई विवाद है तो फंस सकते हैं।
सभी मालिकों की सहमति जरूरी
अगर किसी प्रॉपर्टी के कई मालिक हैं, तो सभी की सहमति और पहचान पत्र की जांच करें।
बंधक जमीन न खरीदें
अगर जमीन किसी बैंक या संस्था के पास गिरवी रखी गई है, तो उसे खरीदने में दिक्कत आ सकती है।
समय पर कनवर्जन कराएं
अगर समय पर कनवर्जन नहीं कराया तो आवेदन खारिज हो सकता है और पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी।
क्या बदलाव के बाद फायदा होगा
नए नियमों से यह पक्का हो जाएगा कि उपजाऊ खेती की जमीन पर बेवजह कंस्ट्रक्शन न हो। यह उन किसानों के लिए भी अच्छा है जो अपनी जमीन खेती के लिए बचाकर रखना चाहते हैं। लेकिन जो लोग कानूनी प्रक्रिया को फॉलो करके जमीन खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह एक जरूरी कदम है।