हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं… 26 जनवरी से यूपी के इस शहर में नियम तोड़ने पर कटेगा चालान

UP News : कुछ समय पहले परिवहन आयुक्त ने पूरे प्रदेश में "नो हेलमेट, नो फ्यूल" योजना को लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजा था।

UP News :  यूपी के एक जिले में अब बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं मिलेगा। बताया जा रहा है, कि डीएम कृष्णा करुणेश ने “नो हेलमेट, नो फ्यूल” नियम को मंजूरी दे दी है, जिसे 26 जनवरी से लागू किया जाएगा। इसके तहत पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह के भीतर जागरूकता बढ़ाने वाले होर्डिंग अपने परिसर में लगाएं। यह नियम न केवल बाइक चलाने वालों पर, बल्कि पीछे बैठने वालों पर भी लागू होगा। दोनों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है। यदि कोई बिना हेलमेट के पेट्रोल लेने की कोशिश करता है, तो पंप मालिक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यातायात पुलिस को जानकारी देंगे, जिससे उनका चालान ऑनलाइन जारी किया जाएगा।

नो हेलमेट, नो फ्यूल

कुछ समय पहले परिवहन आयुक्त ने पूरे प्रदेश में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” योजना को लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजा था। इसके बाद जिला प्रशासन ने इसे अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, शुरुआत में यह योजना केवल शहरी क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित थी, लेकिन डीएम ने इसे पूरे जिले में लागू करने का फैसला लिया है।

बता दें, कि गोरखपुर में यह नियम 26 जनवरी से लागू किया जाएगा। जिसे डीएम कृष्णा करुणेश ने “नो हेलमेट, नो फ्यूल” योजना को मंजूरी दे दी है। इस नियम का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।

नियमों का पालन 

जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी पेट्रोल पंप मालिकों को नियमों की जानकारी दी जा चुकी है। बिना हेलमेट पेट्रोल लेने वालों को पहले विनम्रता से समझाया जाएगा। यदि वे नहीं मानते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से बाइक नंबर नोट किए जाएंगे और यातायात पुलिस उनकी जानकारी के आधार पर चालान जारी करेगी।

जिले में पेट्रोल पंप की स्थिति

अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी 

इस नियम को लागू करने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), जिला पूर्ति अधिकारी, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), और सभी पेट्रोल पंप मालिकों को दी गई है। इसके अलावा, जागरूकता अभियान, कानूनी कार्रवाई, ब्लैक स्पॉट्स पर ध्यान, और सामाजिक भागीदारी जैसे उपायों पर भी काम किया जाएगा।

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